मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप अद्भुत द्वीपश्रीकान्त व्यास
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जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...
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हफ्ते भर बाद बरसात का मौसम आ गया। आसमान काले-काले बादलों से घिर गया। बिजली कौंधी, बादल गरजने शुरू हुए और जोर की बारिश होने लगी। लेकिन इस बार हम बारिश से पूरी तरह सावधान थे और हमने अपनी पूरी तैयारी कर ली थी। पानी लगभग पन्द्रह दिन तक बरसता रहा। बीच-बीच में कभी-कभी रुक भी जाता था, लेकिन आसमान तब भी घिरा रहता था।
हमने यह तय किया था कि बरसात के मौसम में इस बार बाहर नहीं निकलेंगे और घरेलू कामों को निबटा डालेंगे। इसलिए मैंने उन सारे बक्सों को खोल डाला जो हम समुद्र के टूटे हुए जहाज से लाए थे। उनमें बहुत-सी ऐसी चीजें निकलीं जिनके बारे में हमें पहले से तनिक भी जानकारी नहीं थी और जिनकी हमें बहुत ज्यादा जरूरत थी। उसी सामान में मिट्टी के तेल का एक टिन और एक लालटेन भी निकली। लालटेन को देखकर हमें बड़ी खुशी हुई, क्योंकि मोमबत्तियों से हमारा काम पूरी तरह नहीं चल पाता था। जहाज से लाए हुए सामान में किताबों की भी संख्या बहुत अधिक थी। तरह-तरह के विषयों पर तरह-तरह की किताबें! विज्ञान, दर्शन, कविता, कहानी और उपन्यास के अतिरिक्त कुछ किताबें ऐसी भी थीं जिनसे हम फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन और लैटिन की जानकारी बढ़ा सकते थे और अंग्रेजी भी सीख सकते थे।
वे सारी किताबें हमने बैठक वाले कमरे में अलमारियों में सजा दीं। दूसरे कामों के साथ-साथ अब हम रोज दो घण्टे का समय पढ़ने में भी लगाने लगे।
फ्रेंच और जर्मन हममें से थोड़ी-थोड़ी सबको आती थी और उतनी ही काफी भी थी। अंग्रेजी को हम सबसे ज्यादा महत्त्व देना चाहते थे, क्योंकि हमें उम्मीद थी कि कभी-न-कभी कोई जहाजी या कोई जहाज इस टापू की ओर जरूर आएगा। जहाज के लोगों में अंग्रेजी का चलन खासतौर पर होता है। इसलिए मैं अपने अंग्रेजी ज्ञान को बढ़ाने में लग गया। जैक की रुचि स्पेनिश और इटेलियन भाषाओं में थी, इसलिए वह उन भाषाओं को सीखने लगा। फ्रिट्ज को हमने मलय भाषा सीखने के लिए उत्साहित किया, क्योंकि हमारा ऐसा अनुमान था कि हम जिस टापू पर रह रहे हैं, वह मलाया के आस पास हो सकता है। क्या पता, ऐसा ही संयोग आ पड़े कि कभी किसी मलाया-निवासी से ही बातचीत का मौका मिले। इस प्रकार मैं, फ्रिट्ज और जैक अपनी-अपनी पसन्द की भाषाओं की जानकारी बढ़ाने और पक्की करने लगे।
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