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मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग

अलादीन औऱ जादुई चिराग

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4779
आईएसबीएन :81-310-0200-4

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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन


“तुम्हें बगदाद के बादशाह के दामाद अलादीन और उसकी बीवी को कैदी बनाकर यहाँ लाना है। तुम आज ही अपनी सेना लेकर वहाँ जाओ और उन्हें बंदी बनाकर ही लौटो। हमारे मेहमान रहमान भी तुम्हारे साथ ही जायेंगे। ये कल के बगदाद के नये बादशाह होंगे।”
“यह नहीं हो सकता मेरे आकी।” काला शैतान हाथ जोड़कर बोला-“अलादीन के पास जादुई चिराग है और जादुई चिराग का जिन्न सभी जिन्नों का बादशाह है। वह बहुत ताकतवर है। उसकी कोहकाक की सेना भी हमारी पाताल की सेना से ज्यादा ताकतवर है। जब तक वह चिराग अलादीन के पास है, उसे लड़ाई में हराना मुमकिन नहीं है। अगर किसी तरह अलादीन से वह चिराग हथिया लिया जाये, तो उसे हराना कोई मुश्किल काम न होगा।”
“तुम्हारा कहना बिल्कुल ठीक है।” बैसूफा कुछ सोचता हुआ बोला-“जब तक अलादीन के पास वह जादुई चिराग है उसे हराया नहीं जा सकता। मुझे सोचने दो कि अलादीन से वह चिराग कैसे हासिल किया जा सकता है?”
तभी रहमान बोला-"जादूगर सम्राट! यह काम तो मैं बाखूबी कर सकता हूँ।”
“बहुत अच्छे।” बैसूफा बोला-“लेकिन यह काम तुम करोगे कैसे?”
“आप मुझे अपने जादू से मेरी देह को हिजड़ा स्वरूप बना दीजिये।” रहमान बोला-“इसके बाद बगदाद में अलादीन के महल तक पहुँचा दें। फिर देखियेगा, मैं कैसे अलादीन से चिराग हथियाकर लाता हूँ।”
“बहूत अच्छा!” बैसूफा खुश होकर बोला-“आदमी तुम अक्लमंद दिखायी देते हो। परन्तु एक बात का और ध्यान रखना-उसके एक हाथ की अंगुली में एक जादुई अंगूठी भी है-हो सके तो उसे भी निकाल लेना।” फिर वह शैतानों की ओर देखकर बोला-“तुम लोग जा सकते हो।”
शैतान जिधर से आये थे उधर ही चले गये। उनके जाते ही दीवार फिर से सपाट हो गई।
इसके बाद बैसूफा ने अपनी आंखें बंद की और मंत्र बुदबुदाने लगा। मंत्र पूरा होते ही रहमान एक सुन्दर हिजड़ा स्वरूप हो गया। एक नजर देखने पर वह खूबसूरत औरत नजर आ रहा था।
इसके बाद रहमान ने स्वयं को एक सुन्दर हिजड़े की शक्ल में तब्दील देखा, तो वह एकदम हैरान रह गया। साथ ही वह शान्त होकर बैसूफा के अग्रिम मन्त्र की कल्पना कर ही रहा था कि एकाएक इस बार बैसूफा सेनसन  से बोला-“इसे अलादीन के महल के पास पहुँचा दो।”
सेनसन ने फौरन मंत्र पढ़ना शुरू कर दिया और रहमान की आंखें बंद होने लगीं। जब उसकी आंखें खुलीं, तो उसने खुद को एक आलीशान महल के सामने खड़ा पाया। वहाँ से रहमान को बादशाह का महल और अपना घर भी नजर आ रहा था।

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