मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग अलादीन औऱ जादुई चिरागए.एच.डब्यू. सावन
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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन
जिन्ने की बात सुनकर अशरफ चकित रह गया, वह बोला-"फिर इस नीच, पापी की मौत किस तरह हो सकती है?"
जिन्न ने कुछ सोचकर जवाब दिया-“अगर बैसूफा को आग के हवाले कर दिया जाये, तभी उसकी मौत हो सकती है। इसके अलावा वह और किसी भी तरीके से नहीं मर सकता है।”
जिन्न की बात सुनकर अशरफ ने जल्द-से-जल्द बेसूफा का धड़ और उसकी कटी हुई गर्दन को फौरन जलाने का फैसला किया और जिन्न को हुक्म दिया-“फौरन ही आग का इन्तजाम करो।”
अशरफ ने धड़ और सिर को एक जगह पर रखकर उसमें आग लगा दी। वैसूफा का शरीर धूं-धूं करके जल उठा-और इसके साथ ही वह जालिम बैसूफा मारा गया।
जादूगर सेनसन बैसूफा के महल में ही मौजूद था। चूंकि उसकी मौत तो पहले ही हो चुकी थी, वह तो सिर्फ बैसूफा के मंत्रों से ही जिन्दा था। इसलिये जैसे ही बैसूफा का जिस्म जला वैसे ही सेनसन भी कटे पेड़ की तरह जमीन पर गिर पड़ा और बेजान हो गया।
इसके बाद अशरफ ने जादुई चिराग जिन्न को हुक्म दिया- “मुझे और मेरे मां-बाप को बगदाद वापस ले चलो और इस महल को आग लगा दो।”
जिन्न ने उन्हें अपनी हथेली पर बैठाया और बगदाद की ओर उड़ चला। उसके उड़ते ही बैसूफा का महल जलकर खाक हो गया तथा सेनसन की लाश भी इसी में जल गयी।
जल्द ही जिन्न ने उन सभी लोगों को बगदाद के महल की छत पर उतार दिया। जंगली जानवरों ने अभी भी महल पर कब्जा कर रखा था। अशरफ ने उन सभी को वापस भेज दिया और अपनी मुंहबोली मां रईसा को जंगल से बुलवा लिया।
रईसा आते ही अलादीन और नूरमहल के कदमों में गिरकर माफी मांगने लगी। नूरमहलं बोली- “रईसा तुम्हारे गुनाह तो उसी दिन धुल गये थे, जिस दिन तुमने हमारे बेटे को अपने सीने से लगाया और उसकी मां बनकर उसे पाला। हमारे दिल में तुम्हारे लिये कुछ भी बुराई नहीं है। तुम पहले की तरह इस महल में हमारे साथ रह सकती हो।”
बगदाद की जनता तो न जाने कब से अलादीन की नेकियों को याद करके रोया करती थी। सारी जनता ने खुशी-खुशी अलादीन को अपना बादशाह कबूल कर लिया और एक बार फिर बगदाद के अच्छे दिन वापस लौट आये।
समाप्त
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