सामाजिक >> अकाल सन्ध्या अकाल सन्ध्यारामधारी सिंह दिवाकर
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ग्रामीण जीवन के कुशल कथा-शिल्पी रामधारी सिंह दिवाकर का यह उपन्यास ‘अकाल सन्ध्या’ बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहे गाँवों का प्रामाणिक दस्तावेज है।
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