लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए

अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 1999
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4267
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 10 पाठकों को प्रिय

18 पाठक हैं

अध्यात्मवाद पर आधारित पुस्तक


प्रोफेसर हार्वर्ड डिंगले जो लंदन विश्व-विद्यालय के एक प्रख्यात खगोल पिंडों के भौतिकीय एवं रासायनिक विज्ञान के ज्ञाता (एस्ट्रोफिजिस्ट) तथा दर्शनशास्त्र एवं विज्ञान के इतिहास के भी ज्ञाता थे—उनका कथन है कि जब हम उस विज्ञान की प्रकृति के बारे में विचारते हैं, जो आजकल प्रचलित है एवं जिसका उपयोग आजकल हो रहा है, हम ऐसी परिस्थितियाँ पायेंगे, जिनसे भगवान् के दूत भी रोने लगें। यह ऐसा युग नहीं है कि आँख मींचकर विज्ञान की शक्ति को महत्त्व दिया जाए। विज्ञान की सत्यता का ही ध्यान रखा जाए और आध्यात्मिक सत्यों को पूर्णरूपेण भुला दिया जाए तो उसके वही परिणाम हो सकते हैं, जो आज अमेरिका, इंग्लैंड में दिखाई दे रहे हैं और जो सुखद नहीं हैं।

अमेरिका का आकाश कभी अवकाश नहीं पाता। वहाँ हर क्षण कम से कम एक हजार जहाज आकाश में केवल पहरेदारी के लिए गड़गड़ाते घूमा करते हैं। पहरेदारी की चिंता भयग्रस्तों को होती है। अमेरिका जैसा भयभीत कोई दूसरा देश नहीं, यह विज्ञान की देन है।

हवाई जहाजों के अतिरिक्त वहाँ हजारों कारखाने, मोटरें, मशीनें चौबीस घंटे चलते रहते हैं; उससे वातावरण में गंदी गैसें छाई रहती हैं। शोर इतना होता है कि एक शहर में जितना शोर होता है, यदि उसे विद्युत् शक्ति में बदल दिया जाए तो सारे शहर के उपभोग की आवश्यकता को पूरा करके भी बहुत-सी विद्युत् शेष बच जायेगी।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी
  2. क्या यही हमारी राय है?
  3. भौतिकवादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक सृजन करेगा
  4. भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक
  5. अध्यात्म की उपेक्षा नहीं की जा सकती
  6. अध्यात्म की अनंत शक्ति-सामर्थ्य
  7. अध्यात्म-समस्त समस्याओं का एकमात्र हल
  8. आध्यात्मिक लाभ ही सर्वोपरि लाभ है
  9. अध्यात्म मानवीय प्रगति का आधार
  10. अध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष
  11. हमारा दृष्टिकोण अध्यात्मवादी बने
  12. आर्ष अध्यात्म का उज्ज्वल स्वरूप
  13. लौकिक सुखों का एकमात्र आधार
  14. अध्यात्म ही है सब कुछ
  15. आध्यात्मिक जीवन इस तरह जियें
  16. लोक का ही नहीं, परलोक का भी ध्यान रहे
  17. अध्यात्म और उसकी महान् उपलब्धि
  18. आध्यात्मिक लक्ष्य और उसकी प्राप्ति
  19. आत्म-शोधन अध्यात्म का श्रीगणेश
  20. आत्मोत्कर्ष अध्यात्म की मूल प्रेरणा
  21. आध्यात्मिक आदर्श के मूर्तिमान देवता भगवान् शिव
  22. आद्यशक्ति की उपासना से जीवन को सुखी बनाइए !
  23. अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए
  24. आध्यात्मिक साधना का चरम लक्ष्य
  25. अपने अतीत को भूलिए नहीं
  26. महान् अतीत को वापस लाने का पुण्य प्रयत्न

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book