भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
प्रातःकाल खटिया से उठि के पिये तुरन्ते पानी।
वाके घर मा वैद ना आवै बात घाघ कै जानी।।
प्रातःकाल उठते ही जल पीकर शौच जाने वाला व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता
है। उन्हें वैद्य की आवश्यकता नहीं होती।
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