भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
|
2 पाठकों को प्रिय 96 पाठक हैं |
घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
चेना जी का लेना, सोलह पानी देना।
बीस बीस बच्छाना, हारे बलम नगीना।।
हाथ में रोटी बगल में पैना, दिन अरु रात एक कर देना।
एकहुँ बार बहै पुरवाई, लेना एक न देना भाई।।
चेना प्राण लेने वाला अनाज है। इसकी खेती के लिये सोलह पानी देने पड़ते
हैं, जिससे अच्छे से अच्छे बैल तथा मालदार और स्वस्थ किसान भी थक जाते
हैं। दिन भर रोटी और बगल में पैना रखना होता है। भोजन करने तक का अवकाश
नहीं मिलता। इतने परिश्रम के बाद भी एक दिन की पुरवाई हवा चल जाने से सब
खेती नष्ट हो जाती है।
|