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कविता संग्रह >> परशुराम की प्रतीक्षा

परशुराम की प्रतीक्षा

रामधारी सिंह दिनकर

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2216
आईएसबीएन :81-85341-13-3

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रामधारी सिंह दिनकर की अठारह कविताओं का संग्रह...


(3)
गरज कर बता सबको, मारे किसी के
मारेगा नहीं हिन्द-देश
लहू की नदी तैर कर आ रहा है
कहीं से कहीं हिन्द-देश।
लड़ाई के मैदान में चल रहे ले के
हम उसका उड़ता निशान,
खड़ा हो, जवानी का झण्डा उड़ा,
ओ मेरे देश के नौजवान !

(4)
अहा ! जगमगाने लगी रात की
माँग में रौशनी की लकीर,
अहा ! फूल हँसने लगे, सामने
देख, उड़ने लगा वह अबीर।
अहा !  यह उषा होके उड़ता चला
आ रहा देवता का विमान ;
खड़ा हो जवानी का झण्डा उड़ा,
ओ मेरे देश के नौजवान !

।।समाप्त।।

 

1. परशुराम की प्रतीक्षा
2. जवानियाँ
3. हिम्मत की रौशनी
4. लोहे के मर्द
5. जनता जगी हुई है
6. आज कसौटी पर गाँधी की आग है
7. जौहर
8. आपद्धर्म
9. पाद-टिप्पणी (युद्धकाव्य की)
10. शान्तिवादी
11. अहिंसावादी का युद्ध-गीत
12. इतिहास का न्याय
13. एनार्की
14. एक बार फिर स्वर दो - 1
15. एक बार फिर स्वर दो - 2
16. तब भी आता हूँ मैं
17. समर शेष है
18. जवानी का झण्डा

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