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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :81-7055-777-1

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


टांगाइल जिले में कालीहाती उपजिला के द्विमुखा गाँव के प्राचीन मंदिर से 8 दिसम्बर की रात सफेद पत्थर का शिवलिंग, राधागोविन्द व अन्नपूर्णा की मूर्ति और शालिग्राम शिला चोरी हो गयी। थाने से पुलिस आयी। नूर मोहम्मद तालुकदार ने चोरी की है, यह बताने के बाद भी मूर्तियों का उद्धार नहीं हुआ।

कुमिल्ला जिले में बुड़ीच उपजिला के मयनामती यूनियन के हिन्दुओं को 'विश्व इस्लाम' नाम के एक संगठन से पत्र दिया गया कि हिन्दू लोग जल्द-से-जल्द इस देश को छोड़ कर चले जायें। चिट्ठी द्वारा चेतावनी दी गयी कि पूजा-पाठ बंद न करने पर दंगा होगा। 14 अप्रैल को कालीबाड़ी मंदिर के बगल में बटवृक्ष पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी गयी। अलीअहमद नामक एक व्यक्ति ने मयनामती बाजार में प्रचार किया कि उस इलाके के हिन्दुओं को दंगा के जरिए भगा दिया जायेगा।

11 मार्च को भोला जिले में लालमोहन उपजिला के श्री श्री मदनमोहन अखाड़ा में जब कीर्तन हो रहा था तब शताधिक लोगों ने उस मण्डप में हमला किया। उन्होंने मंदिर में घुसकर प्रतिमा की तोड़-फोड़ की और वहाँ उपस्थित भक्तों की पिटाई भी की। दत्तपाड़ा के विभिन्न मंदिरों में घुसकर प्रतिमाओं को तोड़ा और सामान लूटकर आग लगा दी।

मानिकगंज जिले में घिउर उपजिला के बड़हिया गाँव में करीब सौ साल पुराने श्री श्री कालीमाता मंदिर के बगल की जमीन पर एडवोकेट जिल्लूर अहमद का कब्रिस्तान और मस्जिद-निर्माण शुरू होने पर पूजा-पाठ में बाधा आएगी, ऐसा हिन्दुओं का सोचना है। नोवाखाली जिले में चटखिल उपजिला की मोहम्मदपुर यूनियन के तहत कालीरहाट के एक मंदिर में हिन्दू लम्बे समय से पूजा अर्चना करते आ रहे थे, स्थानीय मुसलमानों ने साजिश करके जबरदस्ती मंदिर में पूजा बंद कराके वहाँ पर व्यवसाय करना शुरू कर दिया है।

गाजीपुर नगर निगम के फाउकाल गाँव में लक्ष्मी मंदिर की प्रतिमा 26 मई को तोड़ दी गयी। इतना ही नहीं, प्रतिमा का सिर भी ले गये।

झिनाइदह जिले में उपजिला के काष्टसागरा गाँव में माठबाड़ी में चैत संक्रान्ति की रात जब चड़क पूजा चल रही थी। एक झुंड लोगों ने हमला किया। पुजारी को बेधड़क पीटा गया। पूजा की सामग्री तहस-नहस करके ढोल-ढाक छीन लिया गया। शिकायत दर्ज किये जाने के बावजूद किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।

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