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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :81-7055-777-1

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


(26) (1) इस अनुच्छेद के नियमों के मुताबिक सभी असामंजस्यपूर्ण कानून, जितना असामंजस्यपूर्ण है, इस संविधान-परिवर्तन में उन सारे कानूनों को उतना हटा दिया जायेगा।

(2) राष्ट्र इस अनुच्छेद के किसी नियम के साथ कोई कानून बनाये जाने पर वह इस अनुच्छेद के किसी नियम के साथ असामंजस्यपूर्ण कोई कानून नहीं बनायेगा। उसी प्रकार का कोई कानून बनाये जाने पर वह इस अनुच्छेद के किसी नियम के साथ जितना असामंजस्यपूर्ण है, उतने को हटा दिया जायेगा।
(27) सभी नागरिक, कानून की निगाह में समान हैं और कानून के समान हकदार हैं।

(28) (1) सिर्फ धर्म, सम्प्रदाय, जाति, नारी-पुरुष या जन्मस्थान के कारण किसी नागरिक के प्रति भेदभाव प्रदर्शित नहीं किया जायेगा।

(31) कानून का आश्रय-लाभ एवं कानून के अनुसार एवं सिर्फ कानून के अनुसार उसके व्यवहार का लाभ किसी भी स्थान पर अवस्थित प्रत्येक नागरिक के एक सामयिक रूप से बांग्लादेश में अवस्थित अन्य व्यक्तियों के अविच्छेद्य अधिकार एवं कानून के अनुसार व्यतीत ऐसी कोई व्यवस्था की जायेगी जिससे स्वाधीनता, देह, प्रतिष्ठा या सम्पत्ति की हानि नहीं होगी।

112 नंबर धारा में स्पष्ट उल्लिखित है, "All authorities, executive and judicial, in the Republic shall act in aid of the Supreme Court."

'पाकिस्तानी प्रतिरक्षा कानून 35 की धाराएँ इस प्रकार थीं :

a. any State, or Sovereign of a State, at war with, or engoged in military operation against Pakistan,
Or
b. any individual resident in enemy territory,
or
c. any body of persons constituted or in corporation in enemy territory, or in or under the laws of a State at war with, or engaged in military operations against Pakistan,
or
d. any other persons or body or persons declared by the Central Govt. to be any enemy,
or
e. any body of persons (whether incorporated or not) carrying on business in any place, if and so long as the body is Controlled by a person who under this rule is an enemy,
or
f. as respect of any business carried on in enemy territory any individual or body of persons (Whether incorporate or not) carring on that business.

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