"> "> " />
लोगों की राय

नई पुस्तकें >> दुड़िया : तेरे जलते हए मुल्क में

दुड़िया : तेरे जलते हए मुल्क में

विश्वास पाटील

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :174
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17124
आईएसबीएन :9789394902244

Like this Hindi book 0

"पीढ़ियों की सुमेलता में विघ्न : नए नियमों के सामने वन अधिकारों के लिए आदिवासियों का संघर्ष।"

शाश्वत सत्य यह था कि आदिवासी जंगल की सन्तान हैं। मगर वस्तुस्थिति यह थी कि उनमें से किसी के पास भी जंगल की जमीन का कोई पट्टा नहीं लिखा था। न ही उनमें इतनी समझ थी कि उस जमीन को अपने नाम लिखाकर रखें। अपने पूर्वजों की तरह वह उस जमीन पर खेती करते थे। जंगल से जीवन यापन करते थे। लेकिन साठ के दशक में अचानक वन अधिकारी नए नियम-कायदों की लाठी से लैस होकर वहाँ घुस गए। आदिवासियों को चूल्हे में जलाने के लिए, जंगलों की सूखी लकड़ियाँ बीनने तक से रोका जाने लगा। उनके भेड़-बकरियों को जंगल में चराने पर रोक लगा दी गई। आदिवासी स्तब्ध रह गए कि यह क्या! जहाँ वे अपना हक समझते थे, पीढ़ी-दर-पीढ़ी जिन जंगलों में रहते थे, वहाँ किसका राज आ गया।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book