व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> NLP कल्पतरु NLP कल्पतरुडॉ. पवन शर्मा
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व्यावहारिक मार्गदर्शिका
सफलता की शक्ति का वरदान
सफलता एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जो आगे बढ़ने को प्रेरित करती है। ये भावनात्मक (emotionally), सामाजिक (socially), आध्यात्मिक (spiritually), मानसिक (mentally), और वित्तीय (financially) रूप से लगातार विकास करने का अवसर है। और वो भी सकारात्मक रूप से दूसरों की मदद करते हुए। सफलता की राह हमेशा निर्माणाधीन रहती है।
एक शक्ति जो जादुई रूप से हमारे महान सपनों को हमारे जीवन में वास्तविकता में बदल देती हैं, वो हमारे अन्दर ही है, और यही समय है उसे बेलगाम करने का। वास्तव में, आज के परिवेश में, जहाँ बहुत से लोग इस काबिल है, जो रातों रात इतनी सफलता हासिल कर लेते हैं, जो कुछ समय पहले तक उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि आज हम सबके पास उस शक्ति का स्रोत मौजूद है। वे लोग जो कुछ खास ज्ञान रखते हैं, वे कई तरीकों से खुद को बदल सकते हैं, यहाँ तक कि इस पूरी दुनिया को भी।
शक्ति का मतलब अपने जीवन को, अपनी धारणाओं को बदलना है, जिससे चीजें हमारे लिए काम करें, हमारे विरोध में नहीं। ये योग्यता है, मानवीय आवश्यकताओं को समझने की और उन्हें पूरा करने की, न सिर्फ अपनी बल्कि उनकी भी जिनकी आप परवाह करते हैं। ये वो योग्यता है, जिससे आप अपने विचारो को और व्यवहार को सही निर्देश दे सकें, जिससे आप वो परिणाम प्राप्त कर सकें जो आप चाहते हैं।
आजकी दुनिया में अपने जीवन को बदलने के लिए जिस विशिष्ट ज्ञान की जरूरत है, वो हर जगह उपलब्ध है, आप इसे किसी भी बुक स्टोर, वीडियो स्टोर, वेबसाईट, या फिर किसी सेमिनार या किसी कोर्स से हासिल कर सकते हैं, क्योंकि हम सफल होना चाहते हैं। जानकारियाँ बहुत हैं, तो ऐसा क्यों है, कि कुछ लोग तो बेहतरीन परिणाम हासिल कर लेते हैं, जबकि दूसरे नहीं? क्यों हम सभी खुश नहीं है, समृद्ध नहीं है, स्वस्थ नहीं है, सफल नहीं हैं।
हकीकत यह है कि केवल जानकारी ही काफी नहीं है। आज के इस सूचना जगत के दौर में, यदि हमें नये विचार, और सकारात्मक सोच को पाना है तो हमें अपने बचपन की तरह उड़ने वाले घोड़े, और अन्य कई चीजों की तरह कल्पना करनी होगी, तब हम अपने सपनों को जी सकते हैं। हरकत करना, पहल करना ही सफलता की शुरुआत है, ये ही परिणाम लाते हैं। ज्ञान तब ही सार्थक व शक्तिदायक होता है जब वो किसी ऐसे व्यक्ति के पास जाये, जिसे यह पता हो कि प्रभावकारी क्रियाकलापों की तरफ खुद को कैसे ले जाएँ। वास्तव में, शक्ति की सही परिभाषा -
"कदम उठाने (पहल करने) की काबिलियत है"
"Power is ability to act"
कुछ खास सफल लोगों में यह खूबी रही है कि उनमें कदम उठाने की योग्यता है। यह एक काबिलियत है, जिसे हम में से कोई भी अपने अन्दर विकसित कर सकता है।
जब लोग किसी सामाजिक मुद्दे या वैश्विक घटना पर आते हैं, तो वो बहुत कमजोर, मामूली या तुच्छ महसूस करते हैं। यह सोचते हुए भी कि उन्होंने अपने जीवन में सबकुछ सही किया है, फिर भी उनका भला दूसरों की व्यक्तिगत प्रतिक्रिया की दया पर निर्भर होता है। इस प्रकार के लोग इस प्रकार की सोच बना कर रखते हैं - "यदि मैं अपने जीवन में देखूँ, और इसी प्रकार अपने पारिवारिक जीवन में भी देखूँ, तो इसमें अच्छा क्या है? कुछ लोग इतनी शक्तिशाली स्थिति में हैं कि वो चाहें तो एक बटन दबा कर दुर्घटना करके हम सबको उड़ा सकते हैं।" इस प्रकार की सोच और विश्वास प्रक्रिया, स्थिति को हमारे नियन्त्रण से बाहर रखती है और प्रत्येक स्तर पर कुछ नयी रचनात्मकता से अक्षम बनाती है और स्वाभाविक तौर पर उस तरफ मोड़ती है जहाँ हम असहाय महसूस करने के आदि हो जाते है, और ऐसा कहते हैं -" कोशिश ही क्यों करें।" आपके पास अभी हर एक शक्ति है, जिससे आप कैसे सोचते हैं, कैसा महसूस करते है, और क्या करते हैं, इस पर नियन्त्रण कर सकते हैं।
जो चीज़े काम नहीं करती है, उनसे चिपके रहने से हम खुद को परिणामों पर ध्यान केन्द्रित करने से रोक लेते हैं, और हम समस्याओं के असली कारणों को नजरअंदाज करने लगते हैं। हम यह समझने में असफल हो जाते हैं कि हमारे द्वारा प्रतिदिन लिए गए छोटे बड़े निर्णय ही हमारा भाग्य बनाते हैं। याद रखें, कि सभी निर्णयों का परिणाम अवश्य होता है। यदि हम आने निर्णय अवचेतन रूप से लेंगे - जो कि दूसरों के द्वारा लिए गए नहीं होंगे, या माहौल में मौजूद दूसरे कारणों द्वारा हमारे लिए सोचे गए होंगे - और बिना किसी सम्भावित सामर्थ्य के प्रभाव के बारे में सोचकर हरकत करेंगे, तो न चाहते हुए भी हम उन समस्याओं से घिर जाएँगे, जिनसे हम सबसे ज्यादा डरते हैं। थोड़े समय के लिए मिलने वाले कष्ट को दूर करने की कोशिश में हम अक्सर ऐसे निर्णय ले लेते हैं जो हमे लम्बे समय तक कष्ट देते रहते हैं, और जब हम आगे जाते हैं तो स्वयं को बताते है कि ये समस्याएँ स्थायी और अपरिवर्तनीय है, और इस तरह से वो उनका क्षेत्र बन जाता है।
आप ऊर्जाओं को मुख्य रूप से स्वयं पर केन्द्रित करके अपने परिवार, अपने समाज और अपने आसपास के संसार की बेहतरी की सम्भावनाओं को पुनर्निदेशित कर पाएँगे। चिरकाल तक सम्पूर्णता के एहसास को रहने का एक मात्र रास्ता निःस्वार्थ भाव से सहभागिता है - क्योंकि "जीवन जीने का रहस्य देना है" इसलिए किसी हीरो का इंतजार न करें, खुद बनें! बहुत से लोग सहयोग दे सकते हैं, यदि वे जान लें कि उनको अपना सबकुछ नहीं देना है। थोड़ा कीजिए, और ये जान लें कि ये बहुत ज्यादा मायने रख सकता है।
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