नई पुस्तकें >> जो विरोधी थे उन दिनों जो विरोधी थे उन दिनोंराजकुमार कुम्भज
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राजकुमार कुम्भज की कविताएँ
इस भयावह समय-संसार में
डर जाते हैं कुछ
कुछ हैं कि मर जाते हैं
और ज़रा कुछ करने से पहले ही
मगर तब भी यहाँ
कुछ ऐसे-ऐसे भी हैं कम्बख़्त
इस भयावह समय-संसार में
जो डरने और मरने के पहले ही
कर जाते हैं बहुत कुछ।
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