खाना खजाना >> क्या खायें और क्यों खायें क्या खायें और क्यों खायेंडॉ. मधुर अग्रवाल
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भोजन द्वारा चिकित्सा
प्रकाशकीय
मानव-शरीर तो रोगों का घर है। आहार-विहार के नियमों का पालन न करना, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतना, मौसम के अनुसार अपने खान-पान में परिवर्तन न करना- इत्यादि कारणों से प्रत्येक मनुष्य को कभी-न-कभी रोग-ग्रस्त होना ही पड़ता है। इसीलिये प्रत्येक मनुष्य को थोड़ा-बहुत चिकित्सा-विषयक ज्ञान अवश्य ही होना चाहिये ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह स्वयं उपचार कर सके।
इस दृष्टि से, अन्य चिकित्सा पद्धतियों की अपेक्षा, घरेलू चिकित्सा पद्धति कहीं अधिक उपयोगी और लाभप्रद सिद्ध होती है। इसका कारण यह है कि- घरेलू चिकित्सा के अन्तर्गत उन खाद्य-पदार्थों द्वारा उपचार किया जाता है जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में भोजन के रूप में खाते हैं, इसीलिये उन पदार्थों के गुण-दोषों को हम कहीं अधिक बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से हमने इसी ‘घरेलू चिकित्सा पद्धति' को विस्तार देने का प्रयास किया है।
प्रस्तुत पुस्तक में- आहार की विस्तृत विवेचना प्रस्तुत करने के साथ-साथ मानव को सताने वाले सभी रोगों का केवल खाद्य-पदार्थों से ही उपचार दिया गया है। इस पुस्तक को भली-भाँति पढ़कर और समझकर आप पर्याप्त रूप से लाभान्वित होंगे- इसमें संदेह नहीं है। आप सभी पाठकों ने इस पुस्तक के पिछले संस्करणों को जितने अधिक उत्साह के साथ में अपनाया था- उसके लिये हम आपके आभारी हैं। हमें विश्वास है कि- इस नये परिवर्द्धित संस्करण को भी आप पूर्व की भाँति ही स्नेह प्रदान करेंगे।
हालांकि इस पुस्तक की लोकप्रियता को भुनाने के उद्देश्य से कुछ प्रकाशकों ने इस पुस्तक की नकल पर पुस्तकें तैयार करके बाजार में उपलब्ध कराई हैं। हम ऐसे सभी प्रकाशकों के विरुद्ध समुचित कानूनी कार्यवाही कर रहे हैं। लेकिन आप सभी पाठकों से हमारा अनुरोध है कि- आप नकली और जाली पुस्तकों का बहिष्कार करके हमें सहयोग प्रदान करें, हम आपके आभारी रहेंगे।
- प्रकाशक
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