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स्वास्थ्य-चिकित्सा >> आदर्श भोजन

आदर्श भोजन

आचार्य चतुरसेन

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :55
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1499
आईएसबीएन :00000

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प्रस्तुत है आदर्श भोजन...

4. अन्न

अन्नों में गेहूं संसार-भर में सबसे अधिक खाया जाता है तथा चावल पूर्वी एशिया के हिस्सों में। गेहूं में 11 प्रतिशत प्रोटीन है और चावल में 7 प्रतिशत। अन्य अन्न जैसे जौ, ज्वार, मक्का, जई आदि हैं। इन अन्नों में अधिकतर में 65 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक स्टार्च है, शेष जल। एक या दो प्रतिशत धातु है, जिसका अधिकांश भाग छिलके की नीचे की तह में होता है। इसी अमूल्य पदार्थ को सभ्य लोग फेंक देते हैं।

दालें

दालों में 22 से 24 प्रतिशत प्रोटीन है। साधारणतया हम उर्द की दाल को अत्युत्तम और पुष्टिकारक समझते हैं और मूंग की दाल में, जो रोगियों को दी जाती है, समझते हैं कि प्रोटीन कम होगा, परन्तु वास्तव में मूंग की दाल में 24 प्रतिशत प्रोटीन है तथा उर्द की दाल में 22 प्रतिशत। बात यह है कि उर्द की दाल में एक लसदार गोंद की तरह पौष्टिक तत्त्व पाया जाता है। यही वस्तु बबूल के गोंद और केले की फली में भी होती है। इसका यह अभिप्राय हुआ कि वह आतों में एक गति उत्पन्न करके, उसका एक-एक रेशा करके मल बिना जोर किए खारिज कर देता है। इससे उर्द की दाल से कब्ज नहीं होता। हां, आमाशय में पचने में यह अवश्य भारी है परन्तु काबिज नहीं।

मूंग की दाल में कीटाणुनाशक गुण है। इससे रोगियों को न केवल 24 प्रतिशत प्रोटीन मिलता है, अपितु कोठे की सफाई भी हो जाती है।

अन्य दालों की बात भी लगभग ऐसी ही है। परन्तु दालों में धातुखार बहुत कम हैं। इसलिए दालों के साथ फल और तरकारियों का खाना आवश्यक है।

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