रहस्य-रोमांच >> घर का भेदी घर का भेदीसुरेन्द्र मोहन पाठक
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अखबार वाला या ब्लैकमेलर?
“बस यही गुनाह है उसका कि वो अपने फ्लैट से खिसक गया?"
"अकेला खिसका होता तो जिक्र के काबिल कोई बात नहीं थी। रात के एक बजे उसको
उसके घर से खिसकाने वाली लड़की उसके हरम की आप से कहीं ज्यादा सीनियर मेम्बर
मालूम होती थी।"
"लड़की!"-वो होंठों में बुदबुदाई।
“जो कि खूबसूरती और नौजवानी में आप से किसी कदर भी कम न थी।"
भावना का चेहरा पीला पड़ गया।
तभी एकाएक सुनील के मोबाइल फोन की घन्टी बजी। उसने काल रिसीव की तो लाइन पर
रमाकान्त को पाया।
“बढ़िया खबर है, प्यारयो।"-वो बोला- "पुलिस को उस संजीव सूरी के घोड़े का पता
लग गया है और क्योंकि उन्हें लग गया है, इसलिये मुझे भी लग गया है।"
“कहां है वो?"
"झेरी में। वहां झील किनारे बने होटल लेकव्यू के रूम नम्बर दो सौ पन्द्रह
में।"
"अकेला है?"
"अच्छा! पागल है क्या वो जो घर से लजीज खाने के साथ चले और मंजिल पर पहुंच कर
भूखा रहे!"
“यानी कि वो लड़की साथ है?"
"पतंग के साथ डोर की तरह।"
"ओह!" “वहां वो मिस्टर एण्ड मिसेज कुमार के नाम से रजिस्टर्ड हैं।"
"और?"
"और जौहरी ने पता लगा लिया है कि वो लड़की-जो कि इस वक्त झेरी में मिसेज
कुमार बनी बैठी है-कौन थी?"
"कैस पता लगा लिया।"
"सूरी के फ्लैट वाली इमारत पर रात के चौकीदार की तरह दिन को एक डोरमैन तैनात
होता है। वो उस लड़की की सूरी के फ्लैट में आवाजाही से बाखूबी वाकिफ है। उसने
कई बार सूरी को उस लड़की को सुरभि के नाम से पुकारते सुना था। एक बार नाम
मालूम हो जाने पर जौहरी ने सूरी के ही सर्कल में दायें-बायें पूछताछ की थी तो
पता चला था कि उसका नाम सुरभि सान्याल था और वो डबल शादीशुदा थी। उसकी पहली
शादी एक रईस उम्रदराज बिज़नेसमैन से हुई थी जो कि उसकी खूबसूरती पर रीझा था
और वो उसकी दौलत पर रीझी थी।"
“कोई बड़ी बात नहीं । मर्द का दौलतमन्द होना और औरत का खूबसूरत होना एक समान
होता है।" ..
"वो बिजनेसमैन अपने बिजनेस के सिलसिले में अक्सर दौरे पर रहता था। ढाई साल
पहले एक बार कदरन जल्दी लौट आया था तो उसने सुरभि को एक गैरमर्द की बांहों
में पाया था। उसने सुरभि को तत्काल निकाल बाहर किया था और अगले ही दिन अदालत
में तलाक का केस डाल दिया था।"
"गैरमर्द कौन?"
“सोचो।"
“मैं समझ गया।"-एक गुप्त निगाह भावना पर डालता सुनील बोला।
“वैसी रंगरेलियों के लिये झेरी सूरी की पसन्दीदा जगह बताई जाती है, अपनी
माशूकों के साथ तफरीहन वो अक्सर वहां जाता रहता है। उसकी उस स्थापित रुटीन की
वजह से ही पुलिस को हिन्ट मिला कि वो झेरी में हो सकता था।"
"पुलिस को मालूम है कि उसके साथ जो लड़की है, वो सुरभि सान्याल है?"
“नहीं मालूम है तो मालूम पड़ जायेगा। पकड़ाई में तो वो दोनों ही आयेंगे। तब
क्या लड़की अपनी बाबत खामोश रह सकेगी।"
"तुमने उसे डबल शादीशुदा कहा था?"
"हां। तलाक फाइनल होने पर उसने फिर एक रईस बूढ़े से शादी कर ली जिसकी वजह से
सुरभि के हाथ में उसका ढेरों माल लगा था। यहां ये बात भी जिक्र के काबिल है
कि हमारे परजीवी रोमियो का उन औरतों से कुछ लेना देना नहीं होता जिनके पल्ले
पैसा न हो। सुरभि की पहली शादी के दौरान सूरी उसका हुक्का भरता था लेकिन जब
पति ने लात मार कर निकाल बाहर किया तो उसने भी सुरभि से किनारा कर लिया था।
अपनी दूसरी शादी के बाद जब वो दौलतमन्द विधवा बन गयी थी तो फिर लसूड़े की तरह
उससे आन चिपका था।" .
“और आज तक चिपका हुआ है?"
"हां"
"उस की तरह और भी कई औरतों से?"
"भावना बतरा से उसकी आशनाई तो यही कहती है।"
"और?"
“बस । अब तू क्या करेगा? सीधा झेरी जायेगा?"
"क्या फायदा! मेरे पहुंचने से पहले वो पुलिस की गिरफ्त में होगा और गिरफ्तारी
के बाद वो यहीं लाया जायेगा।"
"ये भी ठीक है।"
सुनील ने उसका धन्यवाद किया और फोन बन्द कर दिया। फिर वो भावना से बोला-"आप
किसी सुरभि सान्याल को जानती हैं?"
"ये"-वो व्यग्रभाव से बोली- "संजीव की बाबत फोन था?"
"हां। पुलिस को उसकी खबर लग गयी है। वो झेरी में है और वही लड़की, जिसका
मैंने अभी उसके हरम की सीनियर मेम्बर के तौर पर जिक्र किया था, उसके साथ है।"
"साथ है?"
"वहां के एक होटल में। रंगरेलियां मनाती। उसका नाम सुरभि सान्याल है। आप
जानती हैं इस नाम की किसी लड़की को?"
"नहीं।"
"कभी नाम ही सुना हो?"
"कभी नहीं सुना। कौन है वो?" ।
"मुझे क्या पता कौन है! मैं तो आपसे पूछ रहा हूं। अलबत्ता है वो आप ही तरह
रसीली कली जिसका कि वो रस चूस रहा है। वैसे ही जैसे आपका चूसता रहा।"
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