रहस्य-रोमांच >> घर का भेदी घर का भेदीसुरेन्द्र मोहन पाठक
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अखबार वाला या ब्लैकमेलर?
"तुम्हारी जानकारी के लिये पुलिस संजीव सूरी को गिरफ्तार कर चुकी है।"
“यानी कि वो ही कातिल है?"
"पुलिस का तो यही कहना है। उनकी तरफ से तो केस खत्म है।”
“वो अपने जुर्म का इकबाल कर चुका?"
"पुलिस का जवाब है कि कर लेगा, जल्दी क्या है?"
"बतरा की वो दूसरी रिवॉल्वर, जो तुम्हें उसके दराज में से गायब मिली थी और
जिससे कि कत्ल हुआ था, सूरी के फ्लैट में से बरामद हुई है।"
"फिर तो जरूर वो ही कातिल है। अब तो ये बात निरंजन चोपड़ा को भी माननी पड़ेगी
कि कत्ल मैंने नहीं किया था।"
"क्यों?"
"क्योंकि तुम कह रहे हो कि मर्डर वैपन सूरी के फ्लैट से बरामद हुआ है।"
"चोपड़ा कह देगा कि वो रिवॉल्वर तुमने वहां प्लांट की थी।"
“कैसे? मैं तो ये भी नहीं जानती कि वो कहां रहता है।"
“कौन मानेगा?"
“अजीब-मुसीबत है।" .
"तुम्हारी तमाम मुसीबतों का हाल उस राक्षस का पुलन्दा' बंधने में ही है।" .
“क्या बंधने में है?"
"उसके खातमे में है।"
“ये बहुत मुश्किल काम है। वो बहुत ताकतवर है।"
"कोई मुजायका नहीं।"
“बल्कि नामुमकिन काम है।"
“रोजीलिप्स, किसी महापुरुष ने कहा है कि मुश्किल काम वो होता है जिसे फौरन
किया जा सकता है। असंभव को करने में थोड़ा वक्त लगता है। दि डिफीकल्ट इज दैट
विच कैन बी डन इमीजियेटली, दि इम्पासिबल दैट विच टेक्स ए लिटल लौंगर।"
“कमाल की बातें करते हो।"
“इसलिये ये काम जरूर होगा।"
"कैसे?"
"तुम्हारी मदद से। तुम अभी मेरे सामने चोपड़ा को फोन करोगी कि तुम एक महीने
के लिये कहीं जा रही हो इसलिये तुम्हें महीने भर की हेरोइन की इकट्ठी सप्लाई
चाहिये।"
"कहीं जाने की वजह क्या बताऊंगी मैं?"
"वजह तुम बताओ। कोई ऐसी वजह, जो चोपड़ा को फौरन हज्म हो जाये।"
"ऐसी तो एक ही वजह है।"
"क्या?"
"कि मेरे डैडी फिर मेरी शादी की जिद करने लगे हैं। पहले उन्होंने ऐसा किया था
तो मैं घर से भाग गयी थी और तभी लौटी थी जब कि उन्होंने मेरे नाम अखबार में
इश्तिहार छपवाया था कि उन्होंने मेरी मर्जी के खिलाफ मेरी शादी करने का खयाल
छोड़ दिया था।"
"ये बात ठीक है। चल जायेगी। तुम्हारे डैडी तुम्हारी शादी की बात कर भी रहे
थे। उन्होंने तो एक लड़का पसन्द करके उससे बात भी कर ली है।"
"बात भी कर ली है?"
"हां।"
“किससे? कौन है लड़का?"
"मैं"
"तुम मजाक कर रहे हो।"
"सच कह रहा हूं।"
"तुमने क्या जवाब दिया डैडी को?"
“मैंने इनकार कर दिया।"
"क्यों? मैं तुम्हारे काबिल नहीं?"
“मैं तुम्हारे काबिल नहीं।"
"लेकिन...."
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