गीता प्रेस, गोरखपुर >> आध्यात्मिक प्रवचन आध्यात्मिक प्रवचनजयदयाल गोयन्दका
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इस पुस्तिका में संग्रहीत स्वामीजी महाराज के प्रवचन आध्यात्म,भक्ति एवं सेवा-मार्ग के लिए दशा-निर्देशन और पाथेय का काम करेंगे।
ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्।
मम वत्मर्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः।।
(गीता ४।११)
हे अर्जुन! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता
हूँ, क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकारसे मेरे ही मार्गका अनुसरण करते हैं।
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- सत्संग की अमूल्य बातें
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