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लेखक:

उषा प्रियंवदा

जन्म : 24 दिसम्बर 1930, कानपुर।

शिक्षा : इलाहाबाद विश्विद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए., वहीं से पी-एच.डी.।

दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापन के बाद अमेरिका में ब्लूमिंगटन इंडियाना विश्वविद्यालय में शोध। बाद में विस्कांसिन विश्वविद्यालय, मैडीसन में दक्षिणेशियाई विभाग की प्रोफेसर।

उषाजी के कथासाहित्य में शहरी परिवारों के बड़े ही अनुभूतिप्रवण चित्र हैं, और आधुनिक जीवन की उदासी, अकेलेपन, ऊब आदि का अंकन करने में उन्होंने अत्यंत गहरे यथार्थबोध का परिचय दिया है।

कृतियाँ :

उपन्यास : पचपन खम्भे लाल दीवारें, रुकोगी नहीं राधिका, शेष यात्रा, अन्तर्वंशी, भया कबीर उदास।

कहानी-संग्रह : जिन्दगी और गुलाब के फूल : (पैरम्बुलेटर, मोहबन्ध, जाले, छुट्टी का दिन, कच्चे धागे, पूर्ति, कँटीली छाँह, दो अँधेरे, चाँद चलता रहा, दृष्टि-दोष, वापसी, जिन्दगी और गुलाब के फूल।), एक कोई दूसरा : (एक कोई दूसरा, झूठा दर्पण, कोई नहीं, सागर पार का संगीत, पिघलती हुई बर्फ़, चाँदनी में बर्फ़ पर, टूटे हुए।), मेरी प्रिय कहानियाँ, संपूर्ण कहानियाँ।

अन्य : शून्य तथा अन्य रचनाएँ, हिन्दी कहानियाँ (अंग्रेजी में अनुवाद); मीराबाई, सूरदास (अंग्रेजी में लिखित)।

शेष यात्रा

उषा प्रियंवदा

मूल्य: Rs. 250

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संपूर्ण कहानियाँ

उषा प्रियंवदा

मूल्य: Rs. 850

प्रस्तुत है कहानी-संग्रह

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