शब्द का अर्थ
|
सोक :
|
पुं० [देश०] चारपाई बुनने के समय बुनावट में वह छेद जिसमें से रस्सी या निवार निकालकर कसते है।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० =शोक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सोकन :
|
पुं० =सोखन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सोकना :
|
अ० [सं० शोक+हिं० ना (प्रत्य०)] शोक विह्वल होना। स०=सोखना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सोकनी :
|
वि० [?] कालापन लिए सफेद रंग का।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० १. कालापन लिए सफेद रंग। २. उक्त रंग का बैल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सोकार :
|
पुं० [हिं० सोकना, सोखना] वह स्थान जहाँ पर मोट का पानी गिराया जाता है। जिससे वह खेत तक पहुँच जाय। चौंढा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सोकित :
|
वि० [सं० शोक] जिसे शोक हुआ हो या हो रहा हो।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |