शब्द का अर्थ
|
सिध :
|
वि०, पुं०=सिद्ध।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधरी :
|
स्त्री० [देश०] एक प्रकार की मछली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधवाई :
|
स्त्री० [हिं० सीधा, सिधवाना] वह लकड़ी जो टेक के रूप में तथा पहिये के स्थान पर लगाई जाती थी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधवाना :
|
सं० [हिं० सीधा] सीधा करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधाई :
|
स्त्री० [हिं० सीधा] सीधापन। सरलता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधाना :
|
अ०=सिधारना (जाना)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधारना :
|
अ० [सं० सिद्ध=पूरा किया हुआ] १. गमन या प्रस्थान करना। जाना। (सम्मान सूचक) २. इस लोक से उठ जाना। परलोक वासी होना। ३. परलोक-गत या स्वर्गवासी होना। जैसा—वे तो कल रात्रि में ही सिधार गये। संयो० क्रि०—जाना। स०=सुधारना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधि :
|
स्त्री०=सिद्धि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधु :
|
पुं०=सीधु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिधोई :
|
स्त्री०=सिधवाई।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिध्म :
|
बि० [सं०] १. जिस पर सफेद दाग हों। २. जिसे श्वेत कुष्ठ नामक रोग हो। पुं० सेहुँआ नामक रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिध्मल :
|
वि० [सं० सिध्म+लच्] १. जिस पर सफेद दाग हो। २. जिसे श्वेत कुष्ठ रोग हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिध्मा :
|
स्त्री० [सं० सिध् (गत्यादि)+मन-टाप्] १. कुष्ठ का दाग। २. कुष्ठ रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिध्य :
|
पुं० [सं०√ सिध् (गत्यादि)+क्यच्] पुष्य (नक्षत्र)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिध्र :
|
वि० [सं०√सिध् (गमनादि)+रक्] १. साधु। २. अपना प्रभाव दिखाने वाला। पुं० पेड़। वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |