शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सगर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] अयोध्या के एक प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा जो रामचंद्र के पूर्वज थे। (जब इनके सौवें अश्वमेघ का घोड़ा चुराकर इंद्र पाताल ले गया था तब इनके ६ ॰॰॰॰ पुत्रों ने पाताल पहुँचने के लिए प्रथ्वी खोदी थी जिससे समुद्र की सीमा बढ़ी थी। इसीलिए समुद्र का नाम सागर पड़ा था। वि०=सगरा (सब)। पुं० [हिं० तगर] तगर का फूल या पौधा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सगरा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० समग्र] [स्त्री० सगरी] सब। तमाम। सकल। कुल। पुं० [सं० सागर] १. समुद्र। सागर। २. झील। ३.तालाब।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सगर्भ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] एक ही गर्भ में उत्पन्न। सहोदर। सगा। (भाई, बहन आदि)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सगर्भा					 :
				 | 
				
					[वि०स्त्री०[सं०सगर्भ+आ] १. (स्त्री) जिसे गर्भ हो। गर्भवती स्त्री। २. दो या कइयों में से कोई जो एक ही गर्भ में हुई हों। सहोदरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |