शब्द का अर्थ
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					श्लिष्ट					 :
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					भू० कृ० [सं०√श्लिष्+क्त] १. किसी के साथ जुड़ा, मिला या लगा हुआ। २. जो श्लेषण का संश्लेषण की क्रिया के अनुसार किसी से मिलकर एक हो गया हो। संश्लिष्ट (सिन्थेटिक) ३. साहित्यिक क्षेत्र में जो श्लेष से युक्त हो अर्थात् दो अर्थोंवाला। विशेष—श्लिष्ट और द्वयर्थक में भेद यह है कि श्लिष्ट का प्रयोग तो ऐसे पदों, वाक्यों, शब्दों आदि के संबंध में होता है जो जान-बूझकर इस दृष्टि से कहे गये हों कि सुभीते के अनुसार उनका दूसरा अथवा कोई और अर्थ भी निकाला या लगाया जा सके, परन्तु द्वयर्थक का प्रयोग ऐसे पदों, वाक्यो,शब्दों आदि के संबंध में होता है जिसके साधारणतः और स्वभावतः दो अर्थ होते हैं।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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