शब्द का अर्थ
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					शैल					 :
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					वि० [सं०√शिला+अण्] १. शिला संबंधी। पत्थर का। २. जिसमें पत्थर के टुकड़े मिले हों। पथरीला। ३. कड़ा। कठोर। सख्त। पुं० १. पर्वत। पहाड़। २. चट्टान। ३. छरीला नामक वनस्पति। शैलेय। ४. रसौत। ५. शिलाजीत। ६. लिसोड़ा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शैलक					 :
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					पुं० [सं० सैल+कन्] छरीला। शैलेय।				 | 
			
			
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					शैलकटक					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] पहाड की ढाल।				 | 
			
			
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					शैल-कन्या					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] हिमालय पर्वत की पुत्री पार्वती।				 | 
			
			
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					शैलकुमारी					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०]=शैलकन्या (पार्वती।				 | 
			
			
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					शैल-गंगा					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] गोवर्द्धन पर्वत की एक नदी जिसमें श्री कृष्ण ने सब तीर्थों का आवाहन किया था।				 | 
			
			
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					शैल-गंध					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] शबर चंदन। बर्बर चंदन।				 | 
			
			
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					शैलगृह					 :
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					पुं० [सं० सप्त० त०] पहाड़ या चट्टान में खोदकर बनाया हुआ प्रसाद या मन्दिर।				 | 
			
			
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					शैलज					 :
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					पुं० [सं० शैल√जन् (उत्पन्न करना)+ड] पत्थर। फूल छरीला। वि० [स्त्री० शैलजा] पर्वत से उत्पन्न।				 | 
			
			
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					शैलजा					 :
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					स्त्री० [सं० शैलज-टाप्] १. पार्वती। २. गज पिप्पली। ३. दुर्गा। ४. सैंहली।				 | 
			
			
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					शैलजात					 :
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					पुं०=शैलेय।				 | 
			
			
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					शैल-तटी					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] पहाड की तराई।				 | 
			
			
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					शैल-धन्वा (न्वन्)					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] महादेव। शिव।				 | 
			
			
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					शैलधर					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] गोवर्धन पर्वत धारण करनेवाले श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
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					शैलनंदिनी					 :
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					स्त्री० [सं०] पार्वती।				 | 
			
			
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					शैलनिर्यास					 :
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					पुं० [सं०] शिलाजीत।				 | 
			
			
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					शैलपति					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] हिमालय पर्वत।				 | 
			
			
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					शैलपत्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] बेल का पेड़ और फूल।				 | 
			
			
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					शैलपुत्री					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] १. पार्वती। २. नौ दुर्गाओं में से एक। ३. गंगा नदी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शैल-पुष्प					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] शिलाजीत। शिलाजतु।				 | 
			
			
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					शैलबीज					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] भिलावाँ।				 | 
			
			
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					शैलभेद					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] पखान-भेदी (पौधा)।				 | 
			
			
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					शैलमंडप					 :
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					पुं० [सं० स० त०]=शैल-गृह।				 | 
			
			
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					शैलरंध्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] गुफा।				 | 
			
			
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					शैलराज					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] हिमालय पर्वत।				 | 
			
			
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					शैलशिविर					 :
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					पुं० [सं० ष० त० ब० स० वा] समुद्र। सागर।				 | 
			
			
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				| 
					शैल-संभव					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] शिलाजीत।				 | 
			
			
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					शैल-सुता					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] १. पार्वती। २. दुर्गा। ३. गंगा नदी।				 | 
			
			
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				| 
					शैलाग्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] पर्वत का शिखर।				 | 
			
			
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					शैलाट					 :
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					पुं० [सं० शैल√अट् (चलना)+अच्] १. पहाड़ी। आदमी। परबतिया। २. बिल्लौर। स्फटिक। ३. शेर। सिंह।				 | 
			
			
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				| 
					शैलाधिप, शैलाधिराज					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] हिमालय।				 | 
			
			
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				| 
					शैलाभ					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] विश्वदेवों में से एक।				 | 
			
			
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				| 
					शैलाली					 :
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					पुं० [सं० शिलालि+णिनि-दीर्घ-नलोप] नट।				 | 
			
			
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					शैलिक					 :
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					पुं० [सं० शिला+ठक्-इक] शिलाजीत।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शैली					 :
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					स्त्री० [सं० शैल-ङीष्] १. ढंग। तरीका। २. साहित्य में बोल या लिखकर विचार प्रकट करने का वह विशिष्ट ढंग जिस पर वक्ता या उसके काल, समाज आदि की छाप लगी होती है। जैसे—भारतेन्दु की शैली, द्विवेदीयुगीन शैली। ३. कोई काम करने अथवा कोई चीज निर्मित प्रस्तुत या प्रदर्शित करने का कलापूर्ण ढंग। जैसे—चित्रकला की पहाड़ी शैली, मुगल शैली, राजस्थानी शैली आदि। ४. कठोरता। सख्ती।				 | 
			
			
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				| 
					शैलीकार					 :
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					पुं० [सं० शैली√कृ+अण्] वह जिसने कला, काव्य साहित्य आदि के किसी क्षेत्र में किसी नई और विशिष्ट शैली का प्रवचन किया हो।				 | 
			
			
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				| 
					शैलू					 :
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					पुं० [देश] लिसोड़ा। स्त्री० गुजरात और दक्षिण भारत में बननेवाली एक प्रकार की चटाई।				 | 
			
			
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				| 
					शैलूक					 :
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					पुं० [सं० शैल+ऊकञ्] १. लिसोड़ा। २. भसींड़।				 | 
			
			
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					शैलूष					 :
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					पुं० [सं० शिलूष+अण्] १. अभिनय करनेवाला व्यक्ति। अभिनेता। नट। २. गंधर्वों का नेता। ३. बेल का पेड़। वि० धूर्त।				 | 
			
			
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					शैलूषिक					 :
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					पुं० [सं० शिलूष+ठक्-इक] [स्त्री० शैलूषिकी] अभिनेता। वि० पुं०=शैलूष।				 | 
			
			
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				| 
					शैलेंद्र					 :
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					पुं० [सं० नित्य० स०] हिमालय पर्वत।				 | 
			
			
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					शैलेय					 :
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					वि० [सं० शिला+ढक्—एय] १. जिसमें पत्थर हो। पथरीला। २. पहाड़ का। पहाड़ी। ३. जो पत्थर से उत्पन्न हो। पुं० १. शिलाजीत। २. छरीला। ३. मूसलीकंद। ४. सेंधा नमक। ५. सिंह। ६. भौंरा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शैलेयी					 :
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					स्त्री० [सं० शैलेय-ङीष्] पार्वती।				 | 
			
			
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				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शैलेश्वर					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शैलोदा					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] उत्तर दिशा की एक प्राचीन नदी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शैल्य					 :
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					वि० [सं० शिला+ष्यञ्] १. पत्थर का। २. पथरीला। ३. पहाड़ी। ४. कठोर। सख्त।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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