शब्द का अर्थ
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					शिथिल					 :
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					वि० [√श्लथ् (हिंसा करना)+किलच्, पृषो०] [भाव० शिथिलता] १. जिसमें खिचाव न होने के कारण ढिलाई हो। ढीला। २. (व्यक्ति) जिसके वृद्धावस्था, थकावट, बीमारी आदि के फलस्वरूप अंग-अंग ढीले पड़ गये हों। ३. जिसमें तेजी या फुरती न हो। जिसकी गति मंद हो। ४. आलस्य के कारण काम न करनेवाला। ४. जो अपनी बात पर दृढ़ न रहता हो। ५. (काम या बात) जिसका पालन दृढ़तापूर्वक न होता हो। ६. नियंत्रण या दबाव में रखा हुआ। ७. (शब्द) जो स्पष्ट न हो।				 | 
			
			
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					शिथिलता					 :
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					स्त्री० [सं० शिथिल+तल्-टाप्] १. शिथिल होने की अवस्था, धर्म या भाव। २. साहित्य में वाक्य-रचना का वह दोष जिसमें आर्थी दृष्टि से शब्द अच्छी तरह गठे हुए न हो। ३. तर्क में किसी अवयव का अभाव।				 | 
			
			
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					शिथिलाई					 :
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					स्त्री०=शिथिलता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					शिथिलाना					 :
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					अ० [सं० शिथिल+आना (प्रत्यय)] १. शिथिल होना। ढीला पड़ना। २. श्रान्त होना। थकना। सं० १. शिथिल करना। २. थकना।				 | 
			
			
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					शिथिलित					 :
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					भू० कृ० [सं० शिथिल+इतच्] जो शिथिल हो गया हो। ढीला पड़ा हुआ ।				 | 
			
			
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					शिथिलीकरण					 :
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					पुं० [सं० शिथिल+च्वि√कृ (करना)ल्युट-अन, दीर्घ] [वि० शिथिलीकृत] शिथिल करना। ढीला करना।				 | 
			
			
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					शिथिलीभूत					 :
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					भू० कृ० [सं० शिथिल+च्वि√भू (होना)+क-दीर्घ] जो शिथिल हो गया हो। ढीला पड़ा हुआ।				 | 
			
			
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