शब्द का अर्थ
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					शश					 :
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					पुं० [सं०√शश् (गमनादि)+अच्] १. खरगोश। २. चन्द्रमा का कलंक या लांछन। ३. लोध। ४. कामशास्त्र में चार प्रकार के पुरुषों में से ऐसा पुरुष जो सर्वगुण सम्पन्न हो। वह मधुर-भाषी, सत्यवादी सुशील तथा कोमलांग होता है। वि० [फा०] छः। पुं० छः की संख्या।				 | 
			
			
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					शशक					 :
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					पुं० [सं० शश+क] खरगोश।				 | 
			
			
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					शशगानी					 :
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					पुं० [फा० शश=छः+गानी] चाँदी का एक प्रकार का सिक्का जो फिरोजशाह के राज्य में प्रचलित था।				 | 
			
			
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					शशदर					 :
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					पुं० [फा०] चौसर के पासे में वह घर जहाँ पहुँच कर गोटी रुक जाती है और इस प्रकार खिलाड़ी निरुपाय हो जाता है। वि० १. निरुपाय। २. चकित। ३. हैरान।				 | 
			
			
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					शशधर					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. चन्द्रमा। २. कपूर।				 | 
			
			
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					शशभृत्					 :
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					पुं० [सं० शश√भृ (भरण करना)+क्विप्-तुक्] १. चन्द्रमा। २. कपूर।				 | 
			
			
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					शशमाही					 :
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					वि० [फा०] हर छः महीने पर होनेवाला। छमाही।				 | 
			
			
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					शशमौलि					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] शिव।				 | 
			
			
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					शश-लक्षण					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] चन्द्रमा।				 | 
			
			
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					शश-लांछन					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] चन्द्रमा।				 | 
			
			
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					शश-श्रृंग					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] वैसी ही असंभव या अनहोनी बात अथवा कार्य जैसा खरगोश को सींग होना होता है (‘आकाश कुसुम’) की तरह प्रयुक्त)।				 | 
			
			
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					शश-स्थली					 :
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					स्त्री० [सं० उपमि० स०] गंगा-यमुना के बीच का प्रदेश। दोआब।				 | 
			
			
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					शशांक					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. चन्द्रमा। २. कपूर।				 | 
			
			
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					शशांकज					 :
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					पुं० [सं० शशांक√जन् (उत्पन्न होना)+ड] बुध जो चन्द्रमा का पुत्र कहा गया है।				 | 
			
			
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					शशांक-शेखर					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] महादेव। शिव।				 | 
			
			
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					शशांक-सुत					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा का पुत्र बुध (ग्रह)।				 | 
			
			
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					शशांकोपल					 :
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					पुं० [सं० मध्यम० स०] चन्द्रकांतमणि।				 | 
			
			
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					शशा					 :
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					स्त्री० [शश्-टाप्] मादा खरगोश।				 | 
			
			
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					शशाद (न्)					 :
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					पुं० [सं० शश√अद् (खाना)+ल्यु-अन] बाज नाम का पक्षी।				 | 
			
			
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					शशि (शिन्)					 :
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					पुं० [सं० शश+इनि] १. चन्द्रमा। इंदु। २. मोती। ३. छः की संख्या का वाचक शब्द। ४. छप्पय के ५४ वें भेद का नाम। इसमें १७ गुरु और ११८ लघु कुल १३५ वर्ण या १५२ मात्राएँ होती हैं। ५. रगण के दूसरे भेद (॥ऽऽ) की संज्ञा।				 | 
			
			
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					शशिक					 :
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					पुं० [सं० शशि+कन्] १. एक प्राचीन जनपद। २. उक्त जनपद में रहनेवाली जाति।				 | 
			
			
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					शशिकर					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा की किरण।				 | 
			
			
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					शशि-कला					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] १. चन्द्रमा की १६ कलाओं में से हर एक। २. एक प्रकार का वर्ण वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में ४ नगण और १ सगण होता है।				 | 
			
			
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					शशिकांत					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. चन्द्रकांत मणि। २. कुमुद। कोई।				 | 
			
			
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					शशिखंड					 :
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					पुं० [सं० ष० त० या ब० स] १. चन्द्रमा की किरण। २. महादेव।				 | 
			
			
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					शशिज					 :
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					पुं० [सं० शशि√जन् (उत्पन्न करना)+ड] चन्द्रमा का पुत्र बुध। (ग्रह)। वि० शशि से उत्पन्न।				 | 
			
			
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					शशि-तिथि					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] पूर्णिमा। पूर्णमासी।				 | 
			
			
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					शशि-दैव					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] मृगशिरा नक्षत्र जिसके अधिष्ठाता दैव चन्द्रमा कहे गये है।				 | 
			
			
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					शशिधर					 :
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					पुं० [सं०√धृ+अच्,ष० त० स०] शिव।				 | 
			
			
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					शशिनी					 :
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					स्त्री० [सं०] चन्द्रमा की १६ कलाओं में से एक।				 | 
			
			
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					शशि-पुत्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त० स०] बुध (ग्रह) जो चन्द्र का पुत्र कहा गया है।				 | 
			
			
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					शशिपुष्प					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] कमल। पद्म।				 | 
			
			
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					शशि-पोषक					 :
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					वि० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा का पोषण करनेवाला। पुं० उजला पाख। शुक्ल पक्ष।				 | 
			
			
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					शशि-प्रभा					 :
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					स्त्री० [सं० शशिप्रभ-टाप्] ज्योत्स्ना। चांदनी।				 | 
			
			
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					शशि-प्रिय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त० स०] १. कुमुद। कोई। २. मोती।				 | 
			
			
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					शशि-प्रिया					 :
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					स्त्री० [सं० शशिप्रिय-टाप्, ष० त०] सत्ताइसों नक्षत्र जो चन्द्रमा की पत्नियाँ माने जाते हैं (पुराण)।				 | 
			
			
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					शशि-भाल					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] महादेव। शंकर।				 | 
			
			
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					शशि-भूषण					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					शशिभृत्					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० शशि√भृ (भरण करना)+क्विप्-तुक्] शिव। महादेव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-मंडल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा का घेरा या मंडल। चन्द्र-मंडल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					शशि-मणि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्यम० स०] चन्द्रकांत मणि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					शशि-मुख					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] [स्त्री० शशिमुखी] शशि सदृश सुन्दर मुखवाला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-मौलि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-रस					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त० स०] अमृत।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-रेखा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा की एक कला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-लेखा					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त० स०] १. चन्द्रमा की कला। २. गिलोय। गुडुच। ३. बकुची।				 | 
			
			
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					शशि-वदना					 :
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					वि० [ब० स०] शशि-मुखी। स्त्री० एक प्रकार का वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में १ लगण (।।।) और १ यगण (।ऽऽ) होता है। इसे चौवंसा चंडरसा और पादांकुलक भी कहते हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-शाला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० या फा० शीशा+सं० शाला] शीशों का बना हुआ या बहुत से शीशों से सजा हुआ घर। शीश-महल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-शेखर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					शशि-पोषक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ष० त० स०] चन्द्रमा की कलाओं का शोषक। पुं,० अँधेरा पाख। कृष्णपक्ष।				 | 
			
			
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					शशि-सुत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] चन्द्रमा का पुत्र बुध (ग्रह)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शशि-हीरा					 :
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					पुं० [सं०+हि] चन्द्रकांत मणि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शशी					 :
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					पुं०=शशि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शशीकर					 :
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					पुं० [सं० शशिकर] चन्द्रमा की किरण।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शशीश					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. शिव। महादेव। २. कार्तिकेय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					शश्वत					 :
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					वि०=शाश्वत।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |