शब्द का अर्थ
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विद्ध :
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भू० कृ० [सं०√व्यध् (छेदना)+क्त, य-इ] १. बीच में छेदा या बेधा हुआ। जैसे—विद्ध कर्ण। २. फेंका हुआ। ३. घायल। ४. जिसमें बाधा पड़ी हो। ५. टेढ़ा। वक्र। ६. किसी के साथ बँधा हुआ। बद्ध। ७. किसी के साथ मिला या लगा हुआ। जैसे—दशमी सिद्ध एकादशी अर्थात् ऐसी एकादशी जिसमें पहले कुछ दशमी भी रही हो। ८. मिलता-जुलता। ९. पंडित। विद्वान। |
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विद्धक :
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वि० [सं० विद्ध+कन्] विद्ध करनेवाला। पुं० मिट्टी खोदने की एक प्रकार की खंती या फावड़ा। |
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विद्ध-व्रण :
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पुं० [सं० तृ० त०] १. काँटा चुभने से होनेवाला घाव। २. ऐसा व्रण जो किसी चीज के अंग में चुभने या धँसने के फलस्वरूप हुआ हो। |
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विद्धा :
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स्त्री० [सं० विद्ध+टाप्] छोटी-छोटी फुन्सियाँ। वि० सं० विद्ध का स्त्री। |
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विद्धि :
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स्त्री० [सं०√व्यध् (आघात करना)+क्ति, य-इ] १. चुभने या धँसने की क्रिया या भाव। वेध। २. इस प्रकार होनेवाला छेद। आघात। चोट। प्रहार। |
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