शब्द का अर्थ
|
विचित :
|
भू० कृ० [सं० वि√चि (इकटठा करना)+क्त] अन्वेषित किया या खोजा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचिति :
|
स्त्री० [सं० वि√चि+क्तिच्] खोज या ढूँढ़ निकालने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्त :
|
स्त्री० [सं० विचित्त+इनि] १. मन ठिकाने या शांत न करना। २. अन्यमनस्कता। अनमनापन। ३. मूर्च्छा। बेहोशी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्र :
|
वि० [सं० तृ० त०] [भाव० विचित्रता] १. जिसमें कई प्रकार के रंग हो। कई तरह के रंगों या वर्णोंवाला। रंग-बिरंगा। २. जिसमें मन को कुछ चकित करनेवाली असाधारणता या विलक्षणता हो। अजीब। जैसे—आज एक विचित्र बात मेरे देखने में आई। २. जिसमें कोई ऐसी नई बात या विशेषता हो जो साधारणतः सब जगह न पाई जाती हो और जो अनोखा जान पड़ता हो। साधारण से भिन्न। नया और विलक्षण। ३. मन में कुतहल उत्पन्न करने चकित या विस्मित करनेवाला। जैसे—वह भी विचित्र स्वभाववाला आदमी है। ४. खूबसूरत। सुन्दर। पुं० १. पुराणानुसार रौच्यमनु के एक पुत्र का नाम। २. साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार जो उस समय होता है जब किसी फल की सिद्धि के लिए किसी प्रकार का उल्टा प्रयत्न करने का उल्लेख किया जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रक :
|
पुं० [सं० ब० स०+कन्] भोजपत्र का वृक्ष। वि० विचित्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रता :
|
स्त्री० [सं० विचित्र+तल्+टाप्] १. विचित्र होने की अवस्था या भाव। १. वह विशेषता जिसके फलस्वरूप कोई चीज विचित्र प्रतीत होती हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्र-विभ्रमा :
|
स्त्री० [सं०] केशव के अनुसार वह प्रौढ़ा नायिका जो अपने सौन्दर्य मात्र से नायक को आकृष्ट या मोहित करती हो (देव ने इसी को सविभ्रमा कहा है)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रवीर्य :
|
स्त्री० [सं० ष० त०] चन्द्रवंसी शांतनु के एक पुत्र का नाम (महाभारत)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रशाला :
|
स्त्री० [ष० त०] अजायबघर। अजायबखाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रांग :
|
पुं० [सं० ब० स०] १. मोर। २. बाघ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रा :
|
स्त्री० [सं० विचित्र+अच्+टाप्] संगीत में एक रागिनी जिसे कुछ लोग भैरव राग की पाँच स्त्रियों में और कुछ लोग त्रिवण, बरारी, गौरी और जयंती के मेल से बनी हुई संकर जाति की मानते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विचित्रित :
|
भू० कृ० [सं० विचित्र+इतच्] १. अनेक रंगों से नंगा या अंकित किया हुआ। २. सजाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |