शब्द का अर्थ
|
विक्रम :
|
पुं० [सं० वि√क्रम (चलना आदि)+अच्] १. विपरीत गति। ‘संक्रम’ का विपर्याय। २. चलने में पकड़नेवाला कदम। डग। पग। ३. चलना। गति। ४. किसी को दबाकर अपने अधिकार या वश में करना। ५. विशिष्ट पौरुष या बल। ६. बहादुरी। वीरता। ७. ढंग। तरीका। ८. विष्णु का एक नाम। ९. साठ संवत्सरों में से चौदहवाँ संवत्सर। १॰. बिना किसी क्रम या प्रणाली के होनेवाला वेद-पाठ। ११. दे० ‘विक्रमादित्य’। वि० १. क्रम से रहित। बिना क्रम का। २. उत्तम। श्रेष्ठ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमक :
|
पुं० [सं० विक्रम+कन्] कार्तिकेय के एक गण का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमण :
|
पुं० [सं० वि√क्रम् (चलना आदि)+ल्युट-अन] १. चलना। कदम रखना। २. आगे बढ़ना। संक्रमण का विपर्याय। ३. विक्रम। वीरता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रम-शिला :
|
स्त्री० [सं०] प्राचीन भारत की एक नगरी जिसमें बहुत बड़ा बौद्ध विद्यालय था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमाजीत :
|
पुं०=विक्रमादित्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमादित्य :
|
पुं० [सं० स० त०] उज्जयिनी के एक प्रसिद्ध प्रतापी राजा जिनके संबंध में अनेक प्रवाद प्रचलित है। आज-कल का विक्रमी संवत् इन्हीं का चलाया माना जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमाब्द :
|
पुं० [सं० मध्यम० स०] विक्रमादित्य के नाम से चलाया हुआ संवत्। विक्रम संवत्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमार्क :
|
पुं० [स० त०]=विक्रमादित्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमी :
|
पुं० [सं० विक्रम+इनि, दीर्घ, न-लोप, विक्रमिन्] १. वह जिसमें बहुत अधिक बल हो। विक्रमवाला। पराक्रमी। २. विष्णु। ३. शेर। वि० १. विक्रम-संबंधी। विक्रम का। २. विक्रमाब्द संबंधी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विक्रमीय :
|
वि० [सं० विक्रम+छ-ईय] विक्रमादित्य संबंधी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |