शब्द का अर्थ
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वंग :
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पुं० [सं०√वंग् (गति)+अच्] १. बंगाल (राज्य) २. राँगा नामक धातु। ३. वैद्यक में उक्त धातु की भस्म। ४. कपास। ५. बैंगन। भंटा। ६. एक चंद्रवंशी राजा। पुं० [?] पहाड़ों की घाटी (राज०) |
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वंगज :
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वि० [सं० वंग√जन् (उत्पत्ति)+ड] वंग अर्थात् बंगाल में उत्पन्न। बंगाल में जन्मा या बना हुआ। पुं० १. बंगाल का निवासी। बंगाली। २. सिंदूर। ३. पीतल। |
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वंग-मल :
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पुं० [सं० ष० त०] सीसा (धातु)। |
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वंगसेन :
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पुं० [सं०] १. अगस्त का वह पेड़ जिसमें लाल फूल लगते हों। २. उक्त में लगनेवाला लाल फूल। |
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वंगारि :
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पुं० [सं० वंग-अरि, ष० त०] हरताल नामक खनिज। |
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वंगाष्टक :
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पुं० [सं० वंग-अष्टक, ष० त०] राँगा आदि आठ धातुओं को फूँककर तैयार की जानेवाली ओषधि। (वैद्यक)। |
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वंगीय :
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वि० [सं० वंग+छ-ईय] १. वंग अर्थात् बंगाल में होने अथवा उससे संबंध रखनेवावला। २. राँगे का बना हुआ। |
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वंगेश्वर :
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पुं० [सं० वंग-ईश्वर,ष० त०] वैद्यक में एक रसौषध। |
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