| शब्द का अर्थ | 
					
				| बैत					 : | स्त्री० [अ०] किसी शेर (पद्य) के दोनों चरण। मिसरों में से कोई मिसरा। | 
			
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				| बैतड़ा					 : | वि० [फा० बदतर ?] १. बदमाश। लुज्जा। २. बेहुदा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बैतबाजी					 : | स्त्री० [अ०+फा०] वह प्रतियोगिता जिसमें एक बालक एक शेर पढ़ता है और दूसरा बालक उक्त शेर के अन्तिम शब्द से आरम्भ होनेवाला दूसरा शेर पढ़ता है और इसी प्रकार यह प्रतियोगिता चलती रहती है। | 
			
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				| बैतरनी					 : | स्त्री० [सं० वतरणी] १. एक प्रकार का धान जो अगहन में तैयार होता है। २. दे० ‘वैतरणी’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बैतरा					 : | पुं०=बैतड़ा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बैताल					 : | पुं०=बेताल। | 
			
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				| बैतालिक					 : | वि० पुं०=वैतालिक। | 
			
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				| बैतुल्लाह					 : | पुं० [अं०] १. खुदा का घर। २. मुसलमानों का काबा तीर्थ। | 
			
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