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बाँट  : स्त्री० [हिं० बाँटना] १. बाँटने की क्रिया या भाव। २. बाँटने पर हर एक को मिलनेवाला अलग-अलग अंश या भाग हिस्सा। मुहावरा—(कोई चीज किसी के) बाँट या बाँटे पड़ना=इस प्रकार अधिकता से होना कि मानो सब कुछ छोड़कर उसी के हिस्से में आई या उसी को मिली हो। जैसे—जी हाँ सारी अक्ल तो आप के ही बाँटे पड़ी है। (व्यंग्य) ३. संगीत में गीत के नियत बोलों को नियमित तालों में ही सुन्दरतापूर्वक कहीं कुछ खीचकर और कहीं कुछ बढ़ाकर उच्चरित करना। पुं० [देश] १. गौओं आदि के लिए एक विशेष प्रकार का भोजन, जिसमें खरी, बिनौला आदि चीजें रहती हैं। २. धान के खेत में फसल को हानि पहुंचानेवाली ढेंढ़र नाम की घास। ३. घास या पयाल का बना हुआ एक मोटा-सा रस्सा जिसे गाँव के लोग कुआर सुदी १४ को बनाते है और दोनों ओर से कुछ-कुछ लोग उसे पकड़कर तब तक खीचते हैं जब तक वह टूट नहीं जाता। पुं०=बाट (बटखरा)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बाँट-चूँट  : स्त्री० [हिं० बाँट+चूँट (अनु०)] बाँटने या लोगों को उनका हिस्सा देने की क्रिया या भाव।
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बाँटना  : स० [सं० वणृ, गु० वाँटवूँ, मरा० वाटणें] १. किसी चीज को कई भागों मे विभक्त करना। जैसे—यह जिला चार तहसीलों में बांटा जायगा। २. सम्पत्ति, आदि के सम्बन्ध में उसेक हिस्सेदार कई विभाग करके उसे उनके अधिकारियों को देना या सौपना। ३. खानेवाली चीज के संबंध में उसका थोड़ा-थोड़ा अंश सब लोगों को देना। जैसे—बच्चों को मिठाई बाँटना। ४. आर्थिक क्षेत्र में किसी निर्माणशाला या कार्यालय में काम करनेवालों को उनके पावने का भुगतान करना। जैसे—अधिलाभ या वेतन बाँटना। स०=बाटना (पीसना) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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बाँटा  : पुं० [हिं० बाँटना] १. बाँटने की क्रिया या भाव। बाँट। २. गाने-बजानेवाले लोगों का इनाम या पारिश्रमिक का धन आपस में यथायोग्य बाँटने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०—लगाना। ३. बँटने या बाँटने पर प्रत्येक को मिलनेवाला अंश या भाग। हिस्सा। उदाहरण—रूप लूट कीन्ही तुम काहै अपने बाँटै कौ धरिहौ ली।—सूर। क्रि० प्र०—पाना।—मलाना। मुहावरा (किसी चीज का) बाँटे पड़ना=किसी सम्पत्ति आदि के हिस्से लगाना।
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बाँटा चौदस  : स्त्री० [स्त्री० बाँट-एक प्रकार का रस्सा+चौदस (तिथि)] कुआर सुदी १४ जिस दिन लोग बाँट (रस्सा) बटकर खींचते और तोड़ते हैं। वि० दे० ‘बाँट’।
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