| शब्द का अर्थ | 
					
				| बरख					 : | पुं०=वर्ष (बरस)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बरखना					 : | अ०=बरसना। (वर्षा होना)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बरखा					 : | स्त्री० [सं० वर्षा] १. आकाश से जल बरसना। वर्षा। बारिश। वृष्टि। २. वर्षा ऋतु। बरसात। | 
			
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				| बरखाना					 : | स०=बरसाना। (वर्षा करना)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बरखास					 : | वि०=बरखास्त। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बरखास्त					 : | वि० [फा० बरखास्त] [भाव० बरखास्ती] १. (अधिवेशन, बैठक, सभा आदि के संबंध में) जिसका विसर्जन किया गया या हो चुका हो। समाप्त किया हुआ। २. (व्यक्ति) जिसे किसी नौकरी या पद से हटा दिया गया हो पदच्युत। | 
			
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				| बरखास्तगी					 : | स्त्री० [फा० बरखास्तगी] बरखास्त करने या होने की अवस्था क्रिया या भाव। | 
			
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				| बरखुरदार					 : | वि० [फा० बरखुर्दार] [भाव० बरखुर्दारी] १. सौभाग्यशाली। २. सफल मनोरथ। ३. फला-फूला। सम्पन्न। पुं० १. बेटा। पुत्र। २. छोटों के लिए आर्शीवाद-सूचक सम्बोधन। विशेष—मूलतः बर-खुरदार का शब्दार्थ है-जीविका पर बने रहने अर्थात् खाने-पीने से सुखी रहो। | 
			
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				| बरखुदारी					 : | स्त्री० [फा० बरखुर्दारी] १. बर-खुरदार होने की अवस्था या भाव। २. धन-धान्य की यथेष्ठता। सम्पन्नता। ३. आर्शीवाद के रूप में किसी के सौभाग्य तथा सम्पन्नता की कामना। | 
			
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