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फूँक  : स्त्री० [अनु० फूफू] १. मुँह से वेगपूर्वक निकाली जानेवाली हवा। क्रि० प्र०—मारना। २. श्वास प्रश्वास जो किसी के जीवित होने के सूचक होते हैं। मुहावरा—फूँक निकलकर या निकल जाना=शरीर से प्राण निकल जाना। मरना। ३. किसी की ओर मंत्र पढ़कर मुँह से छोड़ी जानेवाली वायु जो अनेक प्रकार के प्रभाव उत्पन्न करनेवाली मानी जाती है। पद—झाड़-फूँक (देखें)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फूँकना  : स० [हिं० फूँक] १. मुँह का विवर समेटकर वेग के साथ हवा छोड़ना। होठों का चारों ओर से दबाकर झोंक से हवा निकालना। जैसे—यह बाजा फूँकने से बजता है। संयो० क्रि०—देना। मुहावरा—फूँक-फूँककर चलना या पैर रखना=बहुत ही सतर्क तथा सावधान रहकर आगे बढ़ना। २. शंख, बाँसुरी आदि मुँह से बजाये जानेवाले बाजों को फूँककर बजाना जैसे—शंख फूँकना। ३. मंत्र आदि पड़कर किसी पर फूँक मारना। ४. किसी के कान में धीरे से कोई ऐसी बात कहना जिसका कोई अभीष्ट प्रभाव उत्पन्न हो। जैसे—न जाने किसने उन्हें फूँक दिया है कि वे मुझसे नाराज हो गये हैं। ५. मुँह की हवा छोड़कर आग दहकाना या सुलगाना। फूँककर अग्नि प्रज्वलित करना। जैसे—चूल्हा फूँकना। ६. पूरी तरह से भस्म करने के लिए आग लगाना जलाना। जैसे—किसी का घर या झोपड़ी फूँकना। ७. धातुओं का वैद्यक की रासायनिक रीति से अथवा जड़ी-बूटियों की सहायता से भस्म करना। जैसे—सोना फूँकना। ८. बुरी तरह से नष्ट या बरबार करना। जैसे—दुर्व्यसनों में धन या संपत्ति फूँकना। पद—फूँकना—तापना—सुख-भोग के लिए व्यर्थ और बहुत अधिक खर्च करना। उड़ाना। ९. बहुत दुखी या संतप्त करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फूँका  : पुं० [हिं० फूँक] १. भाथी या नली से आग पर फूँक मारने की क्रिया या भाव। २. गौओं-भैसों के स्तनों से अधिक से अधिक दूध उतारने या निकालने की एक प्रक्रिया जिसमें बाँस की नली में चरपरी या झालदार चीजें (जैसे—मिर्च आदि) भरकर फूँक मारते हुए उनके स्तनों के अन्दर इसलिए पहुँचा देते हैं कि वे अपने बच्चों के लिए दूध चुराकर न रख सकें। ३. बाँस आदि की वह नली जिससे उक्त क्रिया की जाती है। ४. छाला। फफोला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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