शब्द का अर्थ
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पूज्य :
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वि० [सं०√पूज्+यत्] [स्त्री० पूज्या] १. पूजा किये जाने के योग्य। २. आदर, श्रद्धा आदि के योग्य। माननीय। पुं० श्वसुर। ससुर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूज्यता :
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स्त्री० [सं० पूज्य+तल्+टाप्] पूज्य होने की अवस्था या भाव। पूजे जाने के योग्य होना। पूजनीयता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूज्य-पाद :
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वि० [ब० स०] इतना महान् कि उसके पैरों की पूजा करना उचित हो। परम पूज्य और मान्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूज्यमान :
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वि० [सं०√पूज्+यक्+शानच्] जिसकी पूजा की जा रही हो। पूजा जाता हुआ। सेव्यमान। पुं० सफेद जीरा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूज्यवर :
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वि० [स० त०] परम आदरणीय, पूज्य और बड़ा। जैसे—पूज्यवर मालवीय जी। |
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समानार्थी शब्द-
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पूज्य :
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वि० [सं०√पूज्+यत्] [स्त्री० पूज्या] १. पूजा किये जाने के योग्य। २. आदर, श्रद्धा आदि के योग्य। माननीय। पुं० श्वसुर। ससुर। |
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पूज्यता :
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स्त्री० [सं० पूज्य+तल्+टाप्] पूज्य होने की अवस्था या भाव। पूजे जाने के योग्य होना। पूजनीयता। |
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समानार्थी शब्द-
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पूज्य-पाद :
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वि० [ब० स०] इतना महान् कि उसके पैरों की पूजा करना उचित हो। परम पूज्य और मान्य। |
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समानार्थी शब्द-
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पूज्यमान :
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वि० [सं०√पूज्+यक्+शानच्] जिसकी पूजा की जा रही हो। पूजा जाता हुआ। सेव्यमान। पुं० सफेद जीरा। |
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समानार्थी शब्द-
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पूज्यवर :
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वि० [स० त०] परम आदरणीय, पूज्य और बड़ा। जैसे—पूज्यवर मालवीय जी। |
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