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पुष्पिताग्रा  : स्त्री० [सं० पुष्पित-अग्र, ब० स०+टाप्] एक प्रकार का अर्द्धसम वृत्त जिसके पहले और तीसरे चरणों में दो नगण, एक रगण और एक यगण होता है तथा दूसरे और चौथे चरणों में एक नगण, दो जगण, एक रगण और गुरु होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुष्पिताग्रा  : स्त्री० [सं० पुष्पित-अग्र, ब० स०+टाप्] एक प्रकार का अर्द्धसम वृत्त जिसके पहले और तीसरे चरणों में दो नगण, एक रगण और एक यगण होता है तथा दूसरे और चौथे चरणों में एक नगण, दो जगण, एक रगण और गुरु होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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