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पुनः  : अव्य० [सं०√पन् (स्तुति)+अर्, उत्व] १. फिर। दोबारा। दूसरी बार। २. अनंतर। पीछे। उपरांत। ३. इसके अतिरिक्त। जैसे—तुम्हें पुनः ऐसा सहायक नहीं मिलेगा। पद—पुनःपुनः—बार बार। कई बार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःकरण  : पुं० [सं० मध्य० स०] १. फिर से कोई काम करना। २. दोहराना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःकल्पन  : पुं० [सं०] [भू० कृ० पुनः कल्पित] किसी पदार्थ विशेषतः पुराने यंत्र आदि को जाँचकर और उसके कल-पुर्जे अलग-अलग करके फिर से उसकी मरम्मत करते हुए उसे ठीक करना। (ओवरहालिंग)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःखुरी (खुरिन्)  : पुं० [सं० पुनः खुर, मध्य० स०+इनि] घोड़ों के पैर का एक रोग जिसमें उनकी टाप फैल जाती है वे चलने में लड़खड़ाते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःपाक  : पुं० [सं० मध्य०] पकाई हुई चीज दोबारा पकाने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःसंधान  : पुं० [सं० मध्य०] अग्निहोत्र की बुझी हुई अग्नि फिर से जलाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःसंस्कार  : पुं० [सं० मध्य०] कोई ऐसा संस्कार फिर से करना जिसका पुराना महत्व या मान नष्ट हो गया हो। फिर से किया जानेवाला संस्कार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःस्तोम  : पुं० [सं० मध्य० स०] एक प्रकार का योग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनः  : अव्य० [सं०√पन् (स्तुति)+अर्, उत्व] १. फिर। दोबारा। दूसरी बार। २. अनंतर। पीछे। उपरांत। ३. इसके अतिरिक्त। जैसे—तुम्हें पुनः ऐसा सहायक नहीं मिलेगा। पद—पुनःपुनः—बार बार। कई बार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःकरण  : पुं० [सं० मध्य० स०] १. फिर से कोई काम करना। २. दोहराना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःकल्पन  : पुं० [सं०] [भू० कृ० पुनः कल्पित] किसी पदार्थ विशेषतः पुराने यंत्र आदि को जाँचकर और उसके कल-पुर्जे अलग-अलग करके फिर से उसकी मरम्मत करते हुए उसे ठीक करना। (ओवरहालिंग)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःखुरी (खुरिन्)  : पुं० [सं० पुनः खुर, मध्य० स०+इनि] घोड़ों के पैर का एक रोग जिसमें उनकी टाप फैल जाती है वे चलने में लड़खड़ाते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःपाक  : पुं० [सं० मध्य०] पकाई हुई चीज दोबारा पकाने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःसंधान  : पुं० [सं० मध्य०] अग्निहोत्र की बुझी हुई अग्नि फिर से जलाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःसंस्कार  : पुं० [सं० मध्य०] कोई ऐसा संस्कार फिर से करना जिसका पुराना महत्व या मान नष्ट हो गया हो। फिर से किया जानेवाला संस्कार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुनःस्तोम  : पुं० [सं० मध्य० स०] एक प्रकार का योग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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