शब्द का अर्थ
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पुख :
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पुं०=पुण्य (नक्षत्र)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुखता :
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वि०=पुख्ता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुखर (रा) :
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पुं०=पोखरा (तालाब)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुखराज :
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पुं० [सं० पुष्पराग] नौ प्रकार के रत्नों में से एक जो पीले रंग का होता है तथा जो धारण किये जाने पर बृहस्पति ग्रह का दोष हरता है। अन्य आठ रत्न ये हैं—मोती, हीरा, लहसुनिया, पद्मराग, गोमेद, नीलम, पन्ना और मूँगा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुख्ता :
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वि० [फा० पुख्तः] [भाव० पुख्तगी] १. गठन, प्रकार, रचना आदि की दृष्टि से उच्च कोटि का, टिकाऊ और दृढ़। पक्का। मजबूत। २. जानकार। अनुभवी। ३. पूरी उम्र का। प्रौढ़। ४. पूरी तरह से निश्चित या स्थिर किया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुख :
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पुं०=पुण्य (नक्षत्र)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुखता :
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वि०=पुख्ता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुखर (रा) :
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पुं०=पोखरा (तालाब)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुखराज :
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पुं० [सं० पुष्पराग] नौ प्रकार के रत्नों में से एक जो पीले रंग का होता है तथा जो धारण किये जाने पर बृहस्पति ग्रह का दोष हरता है। अन्य आठ रत्न ये हैं—मोती, हीरा, लहसुनिया, पद्मराग, गोमेद, नीलम, पन्ना और मूँगा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुख्ता :
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वि० [फा० पुख्तः] [भाव० पुख्तगी] १. गठन, प्रकार, रचना आदि की दृष्टि से उच्च कोटि का, टिकाऊ और दृढ़। पक्का। मजबूत। २. जानकार। अनुभवी। ३. पूरी उम्र का। प्रौढ़। ४. पूरी तरह से निश्चित या स्थिर किया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
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