शब्द का अर्थ
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पुकारना :
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स० [सं० प्रकुश] १. किसी को बुलाने, संबोधित करने या उसका ध्यान आकृष्ट करने के लिए जोर से उसका नाम लेना। २. रक्षा, सहायता आदि के लिए किसी का आवाहन करना। जैसे—भारत-माता नवयुवकों को पुकार रही है। ३. किसी के नाम का जोर से उच्चारण करना। धुन लगाना। रटना। जैसे—ईश्वर का नाम पुकारना। ४. लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए जोर से किसी पद या शब्द का उच्चारण करना। उदा०—हरी हरी पुकारती हरी हरी लतान में। ५. कोई वस्तु पाने के लिए आकुल होकर बार बार उसका नाम लेना। चिल्लाकर माँगना। जैसे—प्यास के मारे सब ‘पानी पानी’ पुकार रहे है। ६. छुटकारे, बचाव, रक्षा आदि के लिए जोर से आवाज लगाना या चिल्लाना। ७. किसी नाम या संज्ञा से किसी को अभिहित करना। कहना। नाम धरना। (क्व०) जैसे—यहाँ तो इसे ‘तीतर’ पुकारते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुकारना :
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स० [सं० प्रकुश] १. किसी को बुलाने, संबोधित करने या उसका ध्यान आकृष्ट करने के लिए जोर से उसका नाम लेना। २. रक्षा, सहायता आदि के लिए किसी का आवाहन करना। जैसे—भारत-माता नवयुवकों को पुकार रही है। ३. किसी के नाम का जोर से उच्चारण करना। धुन लगाना। रटना। जैसे—ईश्वर का नाम पुकारना। ४. लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए जोर से किसी पद या शब्द का उच्चारण करना। उदा०—हरी हरी पुकारती हरी हरी लतान में। ५. कोई वस्तु पाने के लिए आकुल होकर बार बार उसका नाम लेना। चिल्लाकर माँगना। जैसे—प्यास के मारे सब ‘पानी पानी’ पुकार रहे है। ६. छुटकारे, बचाव, रक्षा आदि के लिए जोर से आवाज लगाना या चिल्लाना। ७. किसी नाम या संज्ञा से किसी को अभिहित करना। कहना। नाम धरना। (क्व०) जैसे—यहाँ तो इसे ‘तीतर’ पुकारते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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