शब्द का अर्थ
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पीसना :
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स० [सं० पेषण] १. कोई पदार्थ दो कठोर या कड़े तलों के बीच में डाल या रखकर बार बार इस प्रकार रगड़ते हुए दबाना कि उसके बहुत छोटे-छोटे खंड या कण हो जायँ। घन पदार्थ को चूर्ण के रूप में लाना। जैसे—चक्की में आटा पीसना, सिल पर चटनी, भाँग या मसाला पीसना। संयो० क्रि०—डालना।—देना। २. बहुत ही कठोरता, निर्दयता या हृदयहीनतापूर्वक किसी को बुरी तरह से कुचलना, दबाना या पीड़ित करना। जैसे—(क) मुझसे पाजीपन करोगे तो पीसकर रख दूँगा। (ख) सन् १९५७ के उपद्रवों के बाद अंगरेजों ने सारे देश को एक तरह से पीस डाला था। ३. खूब दबाते हुए रगड़ना। जैसे—दाँत पीसना। ४. इस प्रकार कष्ट भोगते हुए कठोर परिश्रम का काम करना कि मानों चक्की में डालकर पीसे जा रहे हों। ५. बहुत परिश्रम का काम करना। जैसे—दोनों भाइयों को दिन भर दफ्तर में पीसना पड़ता है। पुं० १. पीसने की क्रिया या भाव। २. वह या उतनी वस्तु जो किसी को पीसने को दी जाय। जैसे—गेहूँ पीसना। ३. एक व्यक्ति के जिम्मे या हिस्से के कठोर परिश्रम का काम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीसना :
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स० [सं० पेषण] १. कोई पदार्थ दो कठोर या कड़े तलों के बीच में डाल या रखकर बार बार इस प्रकार रगड़ते हुए दबाना कि उसके बहुत छोटे-छोटे खंड या कण हो जायँ। घन पदार्थ को चूर्ण के रूप में लाना। जैसे—चक्की में आटा पीसना, सिल पर चटनी, भाँग या मसाला पीसना। संयो० क्रि०—डालना।—देना। २. बहुत ही कठोरता, निर्दयता या हृदयहीनतापूर्वक किसी को बुरी तरह से कुचलना, दबाना या पीड़ित करना। जैसे—(क) मुझसे पाजीपन करोगे तो पीसकर रख दूँगा। (ख) सन् १९५७ के उपद्रवों के बाद अंगरेजों ने सारे देश को एक तरह से पीस डाला था। ३. खूब दबाते हुए रगड़ना। जैसे—दाँत पीसना। ४. इस प्रकार कष्ट भोगते हुए कठोर परिश्रम का काम करना कि मानों चक्की में डालकर पीसे जा रहे हों। ५. बहुत परिश्रम का काम करना। जैसे—दोनों भाइयों को दिन भर दफ्तर में पीसना पड़ता है। पुं० १. पीसने की क्रिया या भाव। २. वह या उतनी वस्तु जो किसी को पीसने को दी जाय। जैसे—गेहूँ पीसना। ३. एक व्यक्ति के जिम्मे या हिस्से के कठोर परिश्रम का काम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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