शब्द का अर्थ
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पीतांग :
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वि० [पीत-अंग, ब० स०] पीले अंगोंवाला। पुं० १. एक तरह का मेढक जिसका रंग पीला होता है। २. सोनापाठा (वृक्ष)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीताबंर :
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पुं० [पीत-अंबर, ब० स०] १. पीले रंग का वस्त्र। पीला कपड़ा। २. एक प्रकार की रेशमी धोती जो हिन्दू लोग प्रायः पूजा-पाठ के समय पहनते हैं। ३. पीले वस्त्र धारण करनेवाला व्यक्ति। जैसे—कृष्ण, नट, संन्यासी विष्णु आदि। वि० जो पीले वस्त्र पहने हुए हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीता :
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स्त्री० [सं० पीत+टाप्] १. हलदी। २. दारूहलदी। ३. बड़ी मालकँगनी। ४. भूरा शीशम। ५. प्रियंगु फल। ६. गोरोचन। ७. अतीस। ८. पीला केला। ९. जंगली बिजौरा नींबू। १॰. जर्दचमेली। ११. देवदारू। १२. राल। १३. असगंध। १४. शालिपर्णी। १५. आकाश बेल। वि० पीले रंगवाली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीताब्धि :
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पुं० [पीत-अब्धि, ब० स०] समुद्र पान करनेवाले अगस्त्य मुनि। |
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समानार्थी शब्द-
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पीताभ :
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वि० [पीत-आभा, ब० स०] जिसमें से पीली आभा निकलती हो। जिसमें से पीला रंग झलक रहा हो। पुं० पीला चंदन। |
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समानार्थी शब्द-
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पीताभ्र :
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पुं० [पीत-अभ्र, कर्म० स०] पीले रंग का एक तरह का अभ्रक। |
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समानार्थी शब्द-
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पीताम्लान :
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पुं० [पीत-अम्लान, कर्म० स०] पीली कटसरैया। |
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समानार्थी शब्द-
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पीतारुण :
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पुं० [पीत-अरुण,कर्म० स०] पीलापन लिए हुए लाल रंग। वि० [कर्म० स०] उक्त प्रकार के रंग का। पीलापन लिये लाल। |
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पीतावशेष :
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वि० [सं० पीत-अवशेष, सहसुपा स०] पीत-शेष। |
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पीताश्म (न्) :
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पुं० [पीत-अश्मन, कर्म० स०] पुखराज। पुष्परागमणि। |
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पीताह्व :
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पुं० [पीता-आह्वा] राल। |
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पीतांग :
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वि० [पीत-अंग, ब० स०] पीले अंगोंवाला। पुं० १. एक तरह का मेढक जिसका रंग पीला होता है। २. सोनापाठा (वृक्ष)। |
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पुं० [पीत-अंबर, ब० स०] १. पीले रंग का वस्त्र। पीला कपड़ा। २. एक प्रकार की रेशमी धोती जो हिन्दू लोग प्रायः पूजा-पाठ के समय पहनते हैं। ३. पीले वस्त्र धारण करनेवाला व्यक्ति। जैसे—कृष्ण, नट, संन्यासी विष्णु आदि। वि० जो पीले वस्त्र पहने हुए हो। |
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स्त्री० [सं० पीत+टाप्] १. हलदी। २. दारूहलदी। ३. बड़ी मालकँगनी। ४. भूरा शीशम। ५. प्रियंगु फल। ६. गोरोचन। ७. अतीस। ८. पीला केला। ९. जंगली बिजौरा नींबू। १॰. जर्दचमेली। ११. देवदारू। १२. राल। १३. असगंध। १४. शालिपर्णी। १५. आकाश बेल। वि० पीले रंगवाली। |
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पुं० [पीत-अब्धि, ब० स०] समुद्र पान करनेवाले अगस्त्य मुनि। |
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वि० [पीत-आभा, ब० स०] जिसमें से पीली आभा निकलती हो। जिसमें से पीला रंग झलक रहा हो। पुं० पीला चंदन। |
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पुं० [पीत-अभ्र, कर्म० स०] पीले रंग का एक तरह का अभ्रक। |
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पुं० [पीत-अम्लान, कर्म० स०] पीली कटसरैया। |
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पीतारुण :
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पुं० [पीत-अरुण,कर्म० स०] पीलापन लिए हुए लाल रंग। वि० [कर्म० स०] उक्त प्रकार के रंग का। पीलापन लिये लाल। |
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वि० [सं० पीत-अवशेष, सहसुपा स०] पीत-शेष। |
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पुं० [पीत-अश्मन, कर्म० स०] पुखराज। पुष्परागमणि। |
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पीताह्व :
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पुं० [पीता-आह्वा] राल। |
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