शब्द का अर्थ
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पिया :
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पुं०=प्रिय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाज :
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वि०=प्याज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाजी :
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वि०=प्याजी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियादा :
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पुं०=प्यादा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाना :
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स०=पिलाना। (पूरब)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियानो :
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पुं० [अं०] हारमोनियम की तरह का एक प्रकार का बड़ा अंगरेजी बाजा जो मेज के आकार का होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाबाँसा :
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पुं० [हिं० पिय+बाँस] कटसरैया। कुरवक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियामन :
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पुं० [?] राजजामुन। (वृक्ष) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियार :
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पुं० [सं० पियाल] मझोले आकार का एक पेड़ जो देखने में महुए की तरह होता है। इसका फल फालसे के बराबर और गोल होता है। बीज की गिरी बादाम और पिस्ते की तरह मीठी होती है और चिरौंजी कहलाती है। वि०=प्यारा। पुं०=प्यार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियारा :
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वि०, पुं०=प्यारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाल :
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पुं० [सं०√पी (पीना)+कालन्, इयङ्] १. चिरौंजी का पेड़। पयार। २. उक्त पेड़ का बीज। पुं० [सं० पाताल] १. पाताल। २. गहराई। उदा०—पैसि पियाल काली नाग नाथ्यो।—मीराँ। पुं०=पयाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाला :
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पुं०=प्याला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाव-बड़ा :
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पुं० [पियाव ?+बड़ा] एक तरह की मिठाई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियास :
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स्त्री०=प्यास।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियासा :
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वि०=प्यासा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिया-साल :
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पुं० [सं० पीतसाल, प्रियसालक] बहेड़े या अर्जुन की जाति का एक प्रकार का बड़ा पेड़ जो भारतवर्ष के जंगलों में प्रायः सब जगह होता है। इसके पत्ते, छाल तथा लकड़ी कई तरह के कामों में आती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियासी :
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स्त्री० [?] एक प्रकार की मछली।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिया :
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पुं०=प्रिय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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पियाज :
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वि०=प्याज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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पियाजी :
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वि०=प्याजी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पियादा :
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पुं०=प्यादा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पियाना :
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स०=पिलाना। (पूरब)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पियानो :
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पुं० [अं०] हारमोनियम की तरह का एक प्रकार का बड़ा अंगरेजी बाजा जो मेज के आकार का होता है। |
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समानार्थी शब्द-
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पियाबाँसा :
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पुं० [हिं० पिय+बाँस] कटसरैया। कुरवक। |
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पियामन :
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पुं० [?] राजजामुन। (वृक्ष) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियार :
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पुं० [सं० पियाल] मझोले आकार का एक पेड़ जो देखने में महुए की तरह होता है। इसका फल फालसे के बराबर और गोल होता है। बीज की गिरी बादाम और पिस्ते की तरह मीठी होती है और चिरौंजी कहलाती है। वि०=प्यारा। पुं०=प्यार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियारा :
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वि०, पुं०=प्यारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाल :
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पुं० [सं०√पी (पीना)+कालन्, इयङ्] १. चिरौंजी का पेड़। पयार। २. उक्त पेड़ का बीज। पुं० [सं० पाताल] १. पाताल। २. गहराई। उदा०—पैसि पियाल काली नाग नाथ्यो।—मीराँ। पुं०=पयाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाला :
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पुं०=प्याला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियाव-बड़ा :
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पुं० [पियाव ?+बड़ा] एक तरह की मिठाई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियास :
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स्त्री०=प्यास।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियासा :
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वि०=प्यासा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिया-साल :
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पुं० [सं० पीतसाल, प्रियसालक] बहेड़े या अर्जुन की जाति का एक प्रकार का बड़ा पेड़ जो भारतवर्ष के जंगलों में प्रायः सब जगह होता है। इसके पत्ते, छाल तथा लकड़ी कई तरह के कामों में आती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पियासी :
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स्त्री० [?] एक प्रकार की मछली।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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