शब्द का अर्थ
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पित्त-प्रकोप :
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पुं० [ष० त०] पित्त के अधिक बढ़ जाने अथवा उसमें विकार होने के फलस्वरूप उसका उग्र रूप धारण करना (जिसके फलस्वरूप अनेक रोग होते हैं)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पित्त-प्रकोपी (पिन्) :
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वि० [सं० पित्त-प्रकोप, ष० त०+इनि] पित्त को बढ़ाने या कुपित करनेवाला (द्रव्य) जिसे खाने से पित्त की वृद्धि हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पित्त-प्रकोप :
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पुं० [ष० त०] पित्त के अधिक बढ़ जाने अथवा उसमें विकार होने के फलस्वरूप उसका उग्र रूप धारण करना (जिसके फलस्वरूप अनेक रोग होते हैं)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पित्त-प्रकोपी (पिन्) :
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वि० [सं० पित्त-प्रकोप, ष० त०+इनि] पित्त को बढ़ाने या कुपित करनेवाला (द्रव्य) जिसे खाने से पित्त की वृद्धि हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |