शब्द का अर्थ
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पारस :
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पुं० [सं० स्पर्श, हिं० परस] १. एक कल्पित पत्थर जिसके विषय में प्रसिद्ध है कि लोहा इसके स्पर्श से सोना हो जाता है। स्पर्श-मणि। २. पारस पत्थर के समान उत्तम, लाभदायक या स्वच्छ अथवा आदरणीय और बहुमूल्य पदार्थ या वस्तु। जैसे—(क) यदि उनके साथ रहोगे तो कुछ दिनों में पारस हो जाओगे। (ख) यह दवा खाने से शरीर पारस हो जायगा। पुं० [हिं० परसना] १. परोसा हुआ भोजन। २. परोसा। अव्य० [सं० पार्श्व] समीप। नजदीक। पास। उदा०—पारस प्रासाद सेन संपेखे।—प्रिथीराज। पुं० [सं० पलाश] पहाड़ों पर होनेवाला बादाम या खूबानी की जाति का एक मझोले कद का पेड़। गीदड़-ढाक। जापन। पुं० [फा०] आधुनिक फारस देश का एक पुराना नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसनाथ :
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पुं०=पार्श्वनाथ (जैनों के तीर्थकर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसल :
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पुं० [अं०] डाक, रेल आदि द्वारा किसी के नाम भेजी जानेवाली गठरी या पोटली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसव :
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पुं०=पारशव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसा :
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वि० [फा०] [भाव० पारसाई] पवित्र और शुद्ध चरित्र तथा विचारोंवाला। बहुत बड़ा धर्मात्मा और सदाचारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसाई :
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स्त्री० [फा०] ‘पारसा’ होने की अवस्था या भाव। धार्मिकता और सदाचार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसाल :
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पुं० [फा०] १. गत वर्ष। २. आगामी वर्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसिक :
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पुं० [सं० पारसीक, पृषो० सिद्धि] पारसीक। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसी :
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पुं० [सं० पारसीक से फा० पार्सी] १. पारस अर्थात् फारस (आधुनिक ईरान) का रहनेवाला आदमी। २. आज-कल मुख्य रूप से पारस के वे प्राचीन निवासी जो मुसलमानी आक्रमण के समय अपना धर्म बचाने के लिए वहाँ से भारत चले आये थे। इनके वंशज अब तक बम्बई और गुजरात में बसे हैं। ये लोग अग्निपूजक हैं; और कमर में एक प्रकार का यज्ञोपवीत पहने रहते हैं। वि० पारस या फारस-संबंधी। पारस का। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारसीक :
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पुं० [सं०] १. आधुनिक ईरान देश का प्राचीन नाम। फारस। २. उक्त देश का निवासी। ३. उक्त देश का घोड़ा। वि०, पुं०=पारसी। |
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समानार्थी शब्द-
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पारसीकयमानी :
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स्त्री० [सं०] खुरासानी वच। |
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पारस्कर :
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पुं० [सं० पार√कृ०+ष्ट, सुट्] १. एक प्राचीन देश। २. एक गृह्य-सूत्रकार मुनि। |
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समानार्थी शब्द-
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पारस्त्रैणेय :
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पुं० [सं० पर-स्त्री, ष० त०,+ढक्—एय, इनङ्—आदेश] पराई स्त्री से संबंध रखनेवाले व्यक्ति से उत्पन्न पुत्र। जारज पुत्र। |
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समानार्थी शब्द-
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पारस्परिक :
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वि० [सं० परस्पर+ठक्—इक] आपस में एक दूसरे के प्रति या साथ होनेवाला। परस्पर होनेवाला। आपस का। आपसी। (म्यूचुअल) |
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समानार्थी शब्द-
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पारस्परिकता :
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स्त्री० [सं० पारस्परिक+तल्+टाप्] पारस्परिक होने की अवस्था या भाव। |
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पारस्य :
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पुं० [सं०] पारस देश। |
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पारस्स :
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पुं० १.=पार्श्व। २.=पार्श्वचर। ३.=पारस्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पारस :
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पुं० [सं० स्पर्श, हिं० परस] १. एक कल्पित पत्थर जिसके विषय में प्रसिद्ध है कि लोहा इसके स्पर्श से सोना हो जाता है। स्पर्श-मणि। २. पारस पत्थर के समान उत्तम, लाभदायक या स्वच्छ अथवा आदरणीय और बहुमूल्य पदार्थ या वस्तु। जैसे—(क) यदि उनके साथ रहोगे तो कुछ दिनों में पारस हो जाओगे। (ख) यह दवा खाने से शरीर पारस हो जायगा। पुं० [हिं० परसना] १. परोसा हुआ भोजन। २. परोसा। अव्य० [सं० पार्श्व] समीप। नजदीक। पास। उदा०—पारस प्रासाद सेन संपेखे।—प्रिथीराज। पुं० [सं० पलाश] पहाड़ों पर होनेवाला बादाम या खूबानी की जाति का एक मझोले कद का पेड़। गीदड़-ढाक। जापन। पुं० [फा०] आधुनिक फारस देश का एक पुराना नाम। |
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पारसनाथ :
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पुं०=पार्श्वनाथ (जैनों के तीर्थकर)। |
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पुं० [अं०] डाक, रेल आदि द्वारा किसी के नाम भेजी जानेवाली गठरी या पोटली। |
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पारसव :
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पुं०=पारशव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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पारसा :
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वि० [फा०] [भाव० पारसाई] पवित्र और शुद्ध चरित्र तथा विचारोंवाला। बहुत बड़ा धर्मात्मा और सदाचारी। |
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पारसाई :
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स्त्री० [फा०] ‘पारसा’ होने की अवस्था या भाव। धार्मिकता और सदाचार। |
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पारसाल :
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पुं० [फा०] १. गत वर्ष। २. आगामी वर्ष। |
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पुं० [सं० पारसीक, पृषो० सिद्धि] पारसीक। (दे०) |
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पारसी :
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पुं० [सं० पारसीक से फा० पार्सी] १. पारस अर्थात् फारस (आधुनिक ईरान) का रहनेवाला आदमी। २. आज-कल मुख्य रूप से पारस के वे प्राचीन निवासी जो मुसलमानी आक्रमण के समय अपना धर्म बचाने के लिए वहाँ से भारत चले आये थे। इनके वंशज अब तक बम्बई और गुजरात में बसे हैं। ये लोग अग्निपूजक हैं; और कमर में एक प्रकार का यज्ञोपवीत पहने रहते हैं। वि० पारस या फारस-संबंधी। पारस का। |
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पारसीक :
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पुं० [सं०] १. आधुनिक ईरान देश का प्राचीन नाम। फारस। २. उक्त देश का निवासी। ३. उक्त देश का घोड़ा। वि०, पुं०=पारसी। |
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पारसीकयमानी :
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स्त्री० [सं०] खुरासानी वच। |
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पारस्कर :
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पुं० [सं० पार√कृ०+ष्ट, सुट्] १. एक प्राचीन देश। २. एक गृह्य-सूत्रकार मुनि। |
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पारस्त्रैणेय :
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पुं० [सं० पर-स्त्री, ष० त०,+ढक्—एय, इनङ्—आदेश] पराई स्त्री से संबंध रखनेवाले व्यक्ति से उत्पन्न पुत्र। जारज पुत्र। |
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पारस्परिक :
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वि० [सं० परस्पर+ठक्—इक] आपस में एक दूसरे के प्रति या साथ होनेवाला। परस्पर होनेवाला। आपस का। आपसी। (म्यूचुअल) |
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पारस्परिकता :
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स्त्री० [सं० पारस्परिक+तल्+टाप्] पारस्परिक होने की अवस्था या भाव। |
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पारस्य :
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पुं० [सं०] पारस देश। |
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पारस्स :
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पुं० १.=पार्श्व। २.=पार्श्वचर। ३.=पारस्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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