शब्द का अर्थ
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पसंद :
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वि० [फा०] आकार-प्रकार, गुण, रूप आदि के विचार से जो मन को भला तथा रुचिकर प्रतीत हुआ हो और इसलिए जिसे अनेकों या बहुत में से वरण किया या उसे वरीयता दी गई हो। प्रत्य० उत्तर पद के रूप में प्रत्यय की तरह प्रयुक्त—(क) पसंद आनेवाला। जैसे—दिल-पसंद=दिल को पसंद आनेवाला। (ख) पसंद करनेवाला। जैसे—हक-पसंद। स्त्री० १. मन को भला तथा रुचिकर प्रतीत होनेवाला कार्य, वस्तु या व्यक्ति। २. वरण करने, चुनने या वरीयता देने की क्रिया, प्रवृत्ति या भाव। ३. इस प्रकार चुनी या वरण की हुई वस्तु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसंदा :
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पुं० [फा० पसन्द] १. मांस के एक प्रकार के कुचले हुए टुकड़े का गोश्त। २. उक्त प्रकार के मांस से बननेवाला एक प्रकार का कबाब। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसंदीदा :
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वि० [फा०] [भाव० पसंददीदगी] पसंद आनेवाला या पसंद किया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसंदेश :
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वि० [फा०] [भाव० पसंदेशी] १. जो बीती हुई बातों के विषय में विचार करता रहता हो। २. फलतः संकुचित बुद्धि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसंद :
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वि० [फा०] आकार-प्रकार, गुण, रूप आदि के विचार से जो मन को भला तथा रुचिकर प्रतीत हुआ हो और इसलिए जिसे अनेकों या बहुत में से वरण किया या उसे वरीयता दी गई हो। प्रत्य० उत्तर पद के रूप में प्रत्यय की तरह प्रयुक्त—(क) पसंद आनेवाला। जैसे—दिल-पसंद=दिल को पसंद आनेवाला। (ख) पसंद करनेवाला। जैसे—हक-पसंद। स्त्री० १. मन को भला तथा रुचिकर प्रतीत होनेवाला कार्य, वस्तु या व्यक्ति। २. वरण करने, चुनने या वरीयता देने की क्रिया, प्रवृत्ति या भाव। ३. इस प्रकार चुनी या वरण की हुई वस्तु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसंदा :
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पुं० [फा० पसन्द] १. मांस के एक प्रकार के कुचले हुए टुकड़े का गोश्त। २. उक्त प्रकार के मांस से बननेवाला एक प्रकार का कबाब। |
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समानार्थी शब्द-
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पसंदीदा :
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वि० [फा०] [भाव० पसंददीदगी] पसंद आनेवाला या पसंद किया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
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पसंदेश :
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वि० [फा०] [भाव० पसंदेशी] १. जो बीती हुई बातों के विषय में विचार करता रहता हो। २. फलतः संकुचित बुद्धि। |
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समानार्थी शब्द-
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