शब्द का अर्थ
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पद्म :
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पुं० [सं०√पद् (गति)+मन्] १. कमल का पौधा और फूल। २. सामुद्रिक के अनुसार कमल के आकार का एक प्रकार का चिह्न जो किसी के पैर के तलुओं में होता और शुभ तथा सौभाग्य-सूचक माना जाता है। ३. विष्णु का एक आयुध जो कमल के आकार का है। ४. तंत्र और हठयोग के अनुसार शरीर के अंदर के षट् चक्रों में से हर एक जो कमल के आकार का और बहुत ही चमकीले सुनहले रंग का कहा गया है। ५. गणित की इकाई, दहाईवाली गिनती में सोलहवें स्थान पर पड़नेवाली संख्या की संज्ञा जो १॰॰ नील होती है। ६. कुबेर की नौ निधियों में एक निधि की संज्ञा। ६. वास्तु-कला में, खंभे या स्तम्भ के सातवें भाग की संज्ञा। ८. वास्तु-कला में, आठ हाथ लंबा और इतना ही चौड़ा वह घर जो एक ही कुरसी पर बना हो और जिसके ऊपर एक ही शिखर हो। ९. गले में पहनने का एक प्रकार का पुरानी चाल का गहना या हार। १॰. शरीर पर होनेवाला श्वेत कुष्ठ या सफेद दाग। ११. वह चित्रकारी जो हाथी के मस्तक और सूँड़ पर तरह-तरह के रंगों से की जाती है। १२. साँप के फन पर बने हुए तरह-तरह के चिह्न। १३. काम शास्त्र में, १६ प्रकार के रतिबंधों में से एक। १४. पुराणानुसार जंबूद्वीप के दक्षिण-पश्चिम का एक देश। १५. पुराणानुसार एक नरक का नाम। १६. पुराणानुसार एक कल्प का नाम। १६. बौद्धों के अनुसार एक नक्षत्र का नाम। १८. जैनों के अनुसार भारत के नवें चक्रवर्ती का नाम। १९. बलदेव का एक नाम। २॰. एक नाग का नाम। २१. कार्तिकेय के एक अनुचर का नाम। २२. कश्मीर का एक प्राचीन राजा जिसने पद्मपुर नामक नगर बसाया था। २३. पद्मा नदी का एक नाम। २४. सीसा। २५. पद्माख वृक्ष। २६. पुष्करमूल। २६. एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः एक नगण, एक सगण, और अंत में लघु गुरु होते हैं। २८. दे० ‘पद्मपुराण’। २९. दे० ‘पद्मव्यूह’। ३॰. दे० ‘पद्मासन’। |
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पद्मकंद :
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पुं० [ष० त०] कमल की जड़। भसीड़। |
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पद्मक :
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पुं० [सं० पद्म√ (चमकना)+क] १. पदम या पदमकाठ नाम का पेड़। २. हाथी की सूँड़ पर का चिह्न या दाग। ३. सेना का पद्मव्यूह। ४. सफेद कोढ़। ५. कुट नाम की ओषधि। ६. पद्मासन। |
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पद्म-कर :
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वि० [ब० स०] जिसके हाथ में कमल हो। पुं० १. विष्णु। २. सूर्य। ३. [उपमि० स०] हाथ जो पद्मवत् हो। |
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पद्म-करा :
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स्त्री० [ब० स०, टाप्] लक्ष्मी। |
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पद्म-कर्णिका :
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स्त्री० [ष० त०] १. कमल का बीजकोश। २. पद्म-व्यूह के मध्य में स्थित सेना। |
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पद्म-कांति :
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स्त्री० [सं०] संगीत में, कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
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पद्म-काष्ठ :
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पुं० [ब० स०] १. पद्म काठ (वृक्ष)। २. उक्त वृक्ष की सुगंधित लकड़ी जो ओषधि के काम आती है। |
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पद्म-काह्वय :
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पुं० [पद्मक-आह्वय, ब० स०] पद्माख या पदम नाम का वक्ष। |
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पद्म-किंजल्क :
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पुं० [ष० त०] कमल का केसर। |
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पद्मकी (किन्) :
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पुं० [सं० पद्मक+इनि] १. हाथी। २. भुर्ज नाम का वृक्ष जिसके पत्ते भोज-पत्र नाम से प्रसिद्ध हैं। |
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पद्म-कीट :
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पुं० [सं० उपमि० स०] एक जहरीला कीड़ा। |
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पद्म-केतन :
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पुं० [ब० स०] गरुण का एक पुत्र। |
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पद्म-केतु :
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पुं० [उपमि० स०] एक तरह का पुच्छलतारा। (बृहत्संहिता) |
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पद्म-केशर :
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पुं० [ष० त०] कमल का केसर। |
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पद्म-कोश :
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पुं० [ष० त०] १. कमल का संपुट। २. कमल का वह छत्ता या बीज-कोश जिसमें उसके बीज (कमल-गट्टा) रहते हैं। ३. उंगलियों की एक मुद्रा जो कमल के संपुट के आकार की होती है। |
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पद्म-क्षेत्र :
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पुं० [ष० त०] उत्कल राज्य का एक तीर्थ। |
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पद्म-गंध :
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स्त्री० [ष० त०] कमल के फूल में से निकलनेवाली गंध। |
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पद्म-गंधि :
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पुं० [ब० स०, इत्व] पद्माख या पदम नाम का वृक्ष। |
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पद्म-गर्भ :
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पुं० [ष० त०] १. कमल का वह अंश जिसमें बीज होते हैं। २. ब्रह्मा। ३. सूर्य। ४. गौतम बुद्ध। ५. एक बोधिसत्त्व। |
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पद्मगुणा :
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स्त्री० [सं० पद्म√गुण् (मंत्रणा)+क+टाप्] १. लक्ष्मी। २. लौंग। |
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पद्म-गुरु :
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पुं० [मध्य० स०] रहस्य संप्रदाय में, शरीर के अंदर के कमलों या चक्रों में विद्यमान माना जानेवाला सत्-गुरु या परमात्मा का अंश। |
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पद्म-गृहा :
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स्त्री० [ब० स०,+टाप्] १. लक्ष्मी। २. लौंग। |
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पद्मचारिणी :
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स्त्री० [सं० पद्म√चर् (गति)+णिनि+ङीप्] १. गेंदा। २. शमी वृक्ष। ३. हलदी। ४. लाक्षा। लाख। |
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पद्मज :
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वि० [सं० पद्म√जन्+ड] कमल में से उत्पन्न। पुं० ब्रह्मा। |
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पद्मजात :
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वि०, पुं०=पद्मज। |
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पद्म-तंतु :
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पुं० [ष० त०] कमल की नाल। मृणाल। |
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पद्म-दर्शन :
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पुं० [ब० स०] लोहबान। |
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पद्म-नाभ :
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पुं० [ब० स०, अच्] १. विष्णु। २. जैनों के अनुसार भावी उत्सर्पिणी के पहले अर्हत् का नाम। ३. धृतराष्ट्र का एक पुत्र। ४. एक नाग। ५. शत्रु के चलाये हुए अस्त्र को निष्फल करने के उद्देश्य से पढ़ा जानेवाला एक मंत्र। |
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पद्म-नाभि :
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पुं० [ब० स०] विष्णु। |
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पद्म-नाल :
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स्त्री० [ष० त०] कमल की नाल। मृणाल। |
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पद्म-निधि :
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स्त्री० [ष० त०] कुबेर की नौ निधियों में से एक निधि। |
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पद्म-नेत्र :
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वि० [ब० स०] जिसके नेत्र कमलवत् हों। पुं० १. एक बुद्ध का नाम। २. एक प्रकार की पक्षी। |
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पद्म-पत्र, पद्म-पर्ण :
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पुं० [ष० त०] १. कमल की पँखड़ी। २. पुष्करमूल। |
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पद्म-पाणि :
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वि० [ब० स०] जिसके हाथ में कमल का फूल हो। पुं० १. ब्रह्मा। २. सूर्य। ३. गौतम बुद्ध की एक विशिष्ट प्रकार की मूर्ति। ४. एक बोधिसत्त्व जो अभिताभ बुद्ध के पुत्र थे। |
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पद्म-पुराण :
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पुं० [सं० ब० स०] अठारह पुराणों में से एक पुराण। |
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पद्म-पुष्प :
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पुं० [सं० ब० स०] १. कनेर का पेड़। २. एक प्रकार की चिड़िया। |
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पद्म-प्रभ :
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पुं० [ब० स०] एक बुद्ध जिनका अवतार अभी होने को है। |
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पद्म-प्रिया :
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स्त्री० [ब० स०,+टाप्] वासुकि नाग की बहन मनसा। |
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पद्म-बंध :
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पुं० [ब० स०] चित्र काव्य का एक प्रकार जिसमें अक्षरों को इस प्रकार सजाया जाता है कि पद्म या कमल का आकार बन जाता है। |
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पद्म-बीज :
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पुं० [ष० त०] कमलगट्टा। |
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पद्म-भवानी :
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स्त्री० [सं०] संगीत में, कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
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पद्म-भास :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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पद्मभू :
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पुं० [सं० पद्म√भू (होना)+क्विप्] ब्रह्मा। |
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पद्म-भूषण :
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पुं० [मध्य० स०] स्वतंत्रत भारत में सुयोग्य देश-सेवियों, राजकर्मचारियों, विद्वानों आदि को भारत सरकार की ओर से सम्मानार्थ मिलनेवाला एक प्रकार का अलंकरण जो तृतीय श्रेणी का माना गया है। |
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पद्ममालिनी :
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स्त्री० [सं० पद्म-माला, ष० त०,+इनि+ ङीप्] लक्ष्मी। |
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पद्ममाली (लिन्) :
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पुं० [सं० पद्ममाला+इनि] एक राक्षस का नाम। |
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पद्म-मुखी :
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स्त्री० [ब० स०, ङीष्] १. दूब। २. संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
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पद्म-मुद्रा :
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स्त्री० [मध्य० स०] तांत्रिक उपासना और पूजन में एक मुद्रा जिसमें दोनों हथेलियों को सामने करके उँगलियाँ नीचे रखते हैं और अँगूठे मिला देते हैं। |
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पद्म-योनि :
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पुं० [ब० स०] १. ब्रह्मा। २. गौतम बुद्ध का एक नाम। |
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पद्म-राग :
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पुं० [ब० स०] १. मानिक या लाल नामक प्रसिद्ध रत्न। २. संगीत में, कर्नाटकी पद्धति का एक राग। |
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पद्म-रेखा :
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स्त्री० [मध्य० स०] सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हाथ की हथेली में होनेवाली कमल के आकार की एक रेखा, जो धनवान होने का लक्षण मानी जाती है। |
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पद्म-लांछन :
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पुं० [ब० स०] १. ब्रह्मा। २. कुबेर। ३. सूर्य। |
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पद्मा-लांछना :
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स्त्री० [ब० स०,+टाप्] १. सरस्वती का एक नाम। २. तारा देवी का एक नाम। |
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पद्म-लोचन :
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वि० [ब० स०] जिसके नेत्र कमल के समान बड़े और सुन्दर हों। |
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पद्म-वर्ण :
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पुं० [ब० स०] १. यदु के एक पुत्र। २. पुष्करमूल। |
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पद्मपर्णक :
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पुं० [ब० स०, कप्] पुष्करमूल। |
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पद्मवासा :
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स्त्री० [ब० स०+टाप्] लक्ष्मी। |
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पद्म-विभूषण :
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पुं० [मध्य० स०] स्वतंत्र भारत में, सुयोग्य देश-सेवियों, राजकर्मचारियों, विद्वानों आदि को भारत सरकार की ओर से सम्मानार्थ मिलनेवाला एक प्रकार का अलंकरण जो द्वितीय श्रेणी का माना गया है। |
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पद्म-बीज :
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पुं० [ष० त०] कमल गट्टा। |
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पद्म-बोजाभ :
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[पद्मबीज-आभा, ब० स०] मखाना। |
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पद्म-वृक्ष :
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पुं० [मध्य० स०] पद्मकाठ नामक वृक्ष। |
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पद्म-व्याकोश :
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पुं० [ष० त०] संपुटित कमल के आकर की (दीवारों में लगाई जानेवाली) सेंध। |
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पद्म-व्यूह :
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पुं० [मध्य स०] १. प्राचीन भारत में एक तरह की सैनिक व्यूह-रचना जिसमें सैनिक इस प्रकार खड़े किये जाते थे कि कमल की आकृति बन जाती थी। २. एक तरह की समाधि। |
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पद्म-श्री :
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पुं० [ब० स०] १. एक बोधिसत्त्व का नाम। २. स्वतंत्र भारत में सुयोग्य देश-सेवियों, राजकर्मचारियों, विद्वानों आदि को भारत सरकार की ओर से सम्मानार्थ मिलनेवाला एक प्रकार का अलंकरण जो चतुर्थ श्रेणी का माना गया है। |
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समानार्थी शब्द-
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पद्म-संभव :
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पुं० [ब० स०] ब्रह्मा। |
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पद्म-सद्मा (द्द्मन्) :
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पुं० [ब० स०] ब्रह्मा। |
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पद्म-सूत्र :
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[ष० त०] कमल के फूलों की माला। |
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पद्म-स्नुषा :
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स्त्री० [ष० त०] १. गंगा का एक नाम। २. दुर्गा का एक नाम। |
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पद्म-स्वस्तिका :
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पुं० [मध्य० स०] वह स्वस्तिक चिह्न जिसमें कमल भी बना हो। |
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पद्म-हस्त :
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वि०, पुं०=पद्म-कर। |
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पद्महास :
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पुं० [ब० स०] विष्णु। |
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पद्मांतर :
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पुं० [पद्म-अंतर, मयू० स०] कमल-दल। |
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पद्मा :
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स्त्री० [सं० पद्म+टाप्] १. लक्ष्मी। २. मनसा देवी का एक नाम। ३. बंगाल में होनेवाली गंगा की दो शाखाओं में से पूर्वी शाखा की संज्ञा। ४. गेंदे का पौधा। ५. कुसुम का फूल। ६. लौंग। ६. पद्मचारिणी लता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माक :
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पुं० दे० ‘पद्माख’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माकर :
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पुं० [पद्म-आकर, ष० त०] वह जलाशय जिसमें कमल खिले हों। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माक्ष :
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पुं० [पद्म-अक्षि, ष० त०] १. कमल-गट्टा। कमल के बीज। २. विष्णु का एक नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माख :
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पुं० [सं० पद्मकम्] पर्वतीय प्रदेश में होनेवाला एक तरह का ऊँचा पेड़ जिसके पत्ते लकुच के पत्तों की तरह और फूल कदम के फूलों जैसे होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माचल :
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पुं० [पद्म-अचल, मध्य० स०] एक पर्वत। (पुराण) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माट :
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पुं० [सं० पद्म√अट् (गति)+अच्] चकवँड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माधीश :
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पुं० [पद्म-अधीश, ष० त०] विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मालय :
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पुं० [पद्म-आलय, ब० स०] ब्रह्मा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मालया :
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स्त्री० [सं० पद्मालया+टाप्] १. लक्ष्मी। २. लौंग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मावती :
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स्त्री० [सं० पद्म+मतुप्, वत्व, दीर्घ] १. पटना नगर का प्राचीन नाम। २. पन्ना नगर का पुराना नाम। ३. उज्जयिनी का पुराना नाम। ४. जरत्कारु ऋषि की पत्नी लक्ष्मी का दूसरा नाम। ५. मनसा देवी का एक नाम। ६. पुराणानुसार एक अप्सरा। ७. युधिष्ठिर की एक रानी। ८. एक प्राचीन नदी। ९. लोक-कथा के अनुसार सिंहल की एक राजकुमारी जिसे चित्तौड़ के राजा रत्नसेन ब्याह कर लाये थे। १॰. एक मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में ३२ मात्राएँ १॰, ८ और १४ की यति पर होती हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मासन :
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पुं० [पद्म-आसन, उपमि० स०] १. कमल का आसन। २. योग-साधना के समय पलथी मारकर तथा तनकर बैठने की एक विशेष मुद्रा। ३. वह जो उक्त आसन लगाकर बैठा हो। ४. काम-शास्त्र के अनुसार स्त्री के साथ संभोग करने का एक आसन या रतिबंध। ५. ब्रह्मा। ६. शिव। ६. सूर्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्माह्वा :
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स्त्री० [पद्म-आह्व, ब० स०,+टाप्] १. गेंदा। २. लौंग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मिनी :
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स्त्री० [सं० पद्म+इनि—ङीप्] १. कमल का पौधा। २. कमल की नाल। ३. कमलों का समूह। ४. ऐसा तालाब जिसमें बहुत से कमल खिले हों। ५. मादाहाथी। हथिनी। ६. काम शास्त्र में रूप, शील और स्वभाव की दृष्टि से नायिकाओं के चार वर्गों में से पहला और सर्वश्रेष्ठ वर्ग। ७. उक्त वर्ग की नायिका जिसका शरीर चम्पा की तरह गौर वर्ण होता है, कमल-दल की तरह कोमल होता है और जिसके अंग अंग से सुरभित गंध निकलती है। यह अत्यन्त लज्जाशील किंतु बहुत मानिनी भी होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मिनी-कंटक :
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पुं० [ष० त०] एक प्रकार का क्षुब्द रोग जो कुष्ठ के अन्तर्गत माना जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मिनी-कांत :
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पुं० [ष० त०] सूर्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मिनी-खंड :
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पुं० [ष० त०] वह प्रदेश जहाँ कमलों की प्रचुरता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मिनी-वल्लभ :
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पुं० [ष० त०] सूर्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मिनी-षंड :
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पुं० [ष० त०] पद्मिनी-खंड। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मी (द्मिन्) :
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वि० [सं० पद्म+इनि] १. जिसमें कमल होता हो। २. कमल से युक्त। पुं० १. वह प्रदेश जहाँ पद्म या कमल बहुत होते हों। २. पद्मों या कमलों का समूह। ३. विष्णु। ४. बौद्धों के अनुसार एक लोक का नाम। ५. उक्त लोक में रहनेवाले एक बुद्ध जिनका अवतार आगे चलकर होगा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मेशय :
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पुं० [सं० पद्मे√शी (सोना)+अच्, अलुक्, स०] पद्मों पर सोनेवाले, विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मोत्तर :
|
पुं० [सं० पद्म-उत्तर, ष० त०] १. कुसुम। बर्रे। २. एक बुद्ध का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मोद्भव :
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पुं० [सं० पद्म-उद्भव, ब० स०] ब्रह्मा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पद्मोद्भवा :
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स्त्री० [सं० पद्मोद्भवा+टाप्] वासुकि नाग की बहन मनसा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |