| शब्द का अर्थ | 
					
				| द्वादशांग					 : | वि० [द्वादश-अंग, ब० स०] जिसके बारह अंग या अवयव हों। पुं० एक प्रकार की धूप जो गुग्गल, चंदन आदि बारह गंध द्रव्यों के योग से बनती हैं। | 
			
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				| द्वादशांगी					 : | स्त्री० [द्वादंश-अंगुल ब० स० ङीष्] जैनों के द्वादश अंग ग्रन्थों का समूह। | 
			
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				| द्वादशांगुल					 : | वि० [द्वांदश-अंगुल, ब० स०] १. जो नाप में बारह अंगुल हो। २. बारह उँगलियोंवाला। पुं० बारह अंगुल की माप। बित्ता। बालिश्त। | 
			
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