| शब्द का अर्थ | 
					
				| दोचंद					 : | वि० [फा० दुचंद] दुगना। दूना। | 
			
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				| दोच					 : | स्त्री०=दोचन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| दोचन					 : | स्त्री० [हिं० दबोच] १. दुबधा। असमंजस। २. कष्ट। तकलीफ। दुःख। ३. विपत्ति। संकट। ४. किसी ओर से पड़ने वाला दबाव। | 
			
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				| दोचना					 : | पुं० [हिं० दोच] कोई काम करने के लिए किसी पर बहुत जोर देना। दबाव डालना। | 
			
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				| दोचल्ला					 : | पुं० [हिं० दो+चल्ला (पल्ला) ?] वह छाजन जो बीच में उभरी हुई और दोनों ओर ढालुईं हो। दो-पलिया छाजन। | 
			
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				| दोचित्ती					 : | स्त्री० [हिं० दो+चित्त] १. ‘दो-चित्ता’ होने की अवस्था या भाव। ध्यान का दो कामों या बातों में बँटा रहना। २. चित्त की उद्विग्नता या विकलता। | 
			
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