| शब्द का अर्थ | 
					
				| दूषण					 : | पुं० [सं०√दूष् (विकार)+णिच्+ल्युट्—अन] १. दोष लगाने की क्रिया या भाव। २. दोष। ३. अवगुण। बुराई। ४. जैनियों के सामयिक व्रत में ३२ त्याज्य बातें या अवगुण जिनमें से १२ कायिक, १२ वाचिक और १॰ मानसिक हैं। ५. रावण का एक भाई जिसका वध रामचन्द्र ने पंचवटी में किया था। वि० [√दूष्+णिच्+ल्यु—अन] नष्ट करने या मारनेवाला। विनाशक। संहारक। उदा०—लक्षमण अरु शत्रुध्न रीह दानव-दल दूषण।—केशव। | 
			
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				| दूषणारि					 : | पुं०[सं० दूषण-अरि ष० त०] दूषण नामक राक्षस को मारनेवाले रामचंद्र। | 
			
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				| दूषणीय					 : | वि० [सं०√दूष+णिच्+अनीयर्] १. जिसमें दोष निकाला जा सके। २. जिस पर दोष लगाया जा सके। | 
			
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