| शब्द का अर्थ | 
					
				| दीपनी					 : | स्त्री० [सं० दीपन+ङीष्] १. मेथी। २. पाठा। ३. अजवायन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दीपनीय					 : | वि० [सं०√दीप् (दीप्ति)+अनीयर्] १. जो दीपन के लिए उपयुक्त हो। जो जलाया या प्रज्वलित किया जा सके। २. जो उत्तेजित, तीव्र या प्रबल किये जाने के योग्य हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दीपनीयक					 : | वि० [सं०] दीपन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दीपनीय-वर्ग					 : | पुं० [ष० त०] चक्रदत्त के अनुसार एक ओषधि वर्ग जिसके अंतर्गत जठराग्नि तीव्र करनेवाली ये ओषधियाँ हैं—पिप्पली, पिप्पलामूल, चव्य, चीता और नागर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |